बीजींग: डोकलाम पर भारत और चीन के बीच चल रही तनातनी के बीच आज भारत के NSA अजीत डोभाल ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की. दरअसल ब्रिक्स देशों के NSA की बैठक में हिस्सा लेने के लिए डोभाल चीन पहुंचे थे. इस दौरान वो चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से भी मिले. हालांकि अब तक ये साफ नहीं हो पाया है कि इस मुलाकात में डोभाल और जिनपिंग के बीच क्या बातचीत हुई.
इधर रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने साफ कर दिया है कि भारतीय सेना किसी भी हालात से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है. रही बात गोला बारूद की कमी की तो उसे पूरा किया जा रहा है. दरअसल पिछले दिनों CAG ने आर्मी के गोला-बारूद की कमी को लेकर संसद में एक ऑडिट रिपोर्ट पेश की थी.
रिपोर्ट में कहा गया था कि फौज के पास बेहद कम गोला-बारूद बचा है. अगर आर्मी को जंग करनी पड़ जाए तो मौजूदा असलहों में से 40 फीसदी 10 दिन भी नहीं चल पाएंगे. जबकि नियम के मुताबिक जंग के लिए तैयार रहने की हालत में आर्मी के पास 40 दिन तक चलने लायक गोला-बारूद का भंडार होना चाहिए.
बता दें कि डोकलाम में भारत और चीन के सैनिक पिछले 40 दिनों से आमने सामने हैं. ये तनातनी तब शुरू हुई जब भारतीय सैनिकों ने चीन की सेना को यहां सड़क बनाने से रोक दिया था. चीन का कहना है कि भारत जब तक डोकलाम से अपने सैनिकों को बिना शर्त वापस नहीं बुलाता तबतक उसके साथ कोई बातचीत नहीं होगी. हालांकि डोभाल की चीन यात्रा के बीच चीन के सुर थोड़े नरम नजर आ रहे हैं. चीनी न्यूज एजेंसी सिन्हुआ ने अपने ताजा लेख में पीएम मोदी की आर्थिक नीतियों की जमकर तारीफ की है.
डोभाल ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका (ब्रिक्स) के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की दो दिवसीय बैठक में भाग लेने के लिए बुधवार को चीन पहुंचे थे. इस बैठक की मेजबानी यांग कर रहे हैं. भारत ने चीन को कूटनीतिक भाषा में यह समझाने की कोशिश की है कि उसके साथ मौजूद सीमा विवाद के साथ ही हर तनाव भर मुद्दे का वह आपसी सहमति व समाधान निकालने को तैयार है.