दुबई: पाकिस्तान के पूर्व सेन्य शासक जनरल परवेज मुशर्रफ ने इस बात का खुलासा किया है कि 2001 में भारतीय संसद पर आतंकी हमले के बाद पैदा हुए तनाव के बाद वो परमाणु हथियार के प्रयोग करने पर विचार करने लगे थे. मगर भारत की तरफ से प्रतिशोध की डर से उन्होंने अपना फैसला टाल दिया था. मीडिया रिपोर्ट में इस बात का दावा किया गया है.
73 वर्षीय मुशर्रफ ने जापानी अखबार Mainichi Shimbun को दिये इंटरव्यू के दौरान जब उनसे पूछा गया कि क्या तब वो परमाणु हथियारों की तैनाती कर सकते थे या नहीं तो इस पर उन्होंने कहा कि ये बातें सोच-सोचकर वो कई रातों सो नहीं पाए थे.
पूर्व पाकिस्तानी राष्ट्रपति मुशर्रफ ने खुलासा किया कि दिसंबर 2001 में भारतीय संसद पर आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव काफी बढ़ गये थे. 2002 में दोनों देशों के बीच तनातनी ऐसी बढ़ गई थी कि उसी बीच वो परमाणु हमला करने पर विचार करने लगे थे, मगर वह ऐसा जवाबी कार्रवाई के तौर पर करने की सोच रहे थे.
बता दें कि उस वक्त हालात दोनों देशों के बीच हालात इतने खराब हो गये थें कि दोनों तरफ से लगातार धमकियां मिलने लगी थीं और परमाणु युद्ध सा माहौल बन गया था. मुशर्रफ ने इस बात को स्वीकार किया कि साल 2002 में दोनों देशों के बीच तनाव इतने अधिक हो चुके थे और खतरा ऐसा बन गया था कि कभी भी परमाणु हमला किया जा सकता था.
हालांकि, उस वक्त भी मुशर्रफ ने कभी इस बात से सार्वजनिक तौर पर इनकार नहीं किया था कि वो भारत के खिलाफ परमाणु हथियारों का इस्तेमाल कर सकते थे.
मुशर्रफ ने ये भी कहा कि उस वक्त न भारत के पास और न ही पाकिस्तान के पास मिसालइलों पर (न्यूक्लियर वॉरहेड्स) परमाणु हथियार थे. इसलिए परमाणु हमला करने के लिए एक से दो दिन लग सकते थे.
जब उनसे ये पूछा गया कि क्या उन्होंने मिसाइलों पर वॉरहेड्स लगाने का ऑर्डर दिया था? तो इस पर पूर्व तानाशाह ने कहा- हमने ऐसा नहीं किया और मुझे लगता है कि भारत ने भी न्युक्लियर वॉरहेड्स मिसाइलों पर नहीं लगाए होंगे. खुदा का शुक्र है. हालांकि, बाद में दोनों देशों ने इस तरह के संघर्ष से बचना शुरू कर दिया.
बता दें कि उस वक्त आर्मी चीफ मुशर्रफ अक्टूबर 1999 में पाक पीएम नवाज शरीफ को सत्ता से बेदखल कर सत्ता में आए थे. उसके बाद वो आर्मी चीफ के तौर पर 2001 से 2008 तक पाकिस्तान की सत्ता में काबिज रहे.
गौरतलब है कि मुशर्रफ पिछले एक साल से दुबई में रह रहे हैं जब उन्हें मेडिकल वीजा के आधार पर मुल्क से बाहर जाने की अनुमति दी गई थी. मुशर्रफ पर साल 2007 में पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की हत्या में शामिल होने का भी आरोप है.