माले: मालदीव में जारी राजनीतिक उठा-पटक के बीच सोमवार को संसद में आर्मी के घुसने और सांसदों को बाहर निकालने का मामला सामने आया है. विपक्ष ने आरोप लगाया है कि राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन के आदेश के बाद आर्मी ने सांसदों को बाहर निकाल दिया और संसद के गेट को बंद कर दिया गया ताकि स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सके.
बताया जा रहा है कि आर्मी ने संसद के गेट को अंदर से बंद कर दिया और सासंदों को बाहर रहने का आदेश दिया गया था. साथ ही सेना ने जबर्दस्ती सांसदों को संसद परिसर से बाहर का रास्ता दिखाया.
विपक्षी पार्टी मालदीव लोकतांत्रिक पार्टी ने कहा कि उम्मीद जताई जा रही थी कि संसद में स्पीकर अब्दुलाह मशीह के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर सुनवाई होगी. मगर सांसदों की इस उम्मीद पर सेना ने पानी फेर दी.
विपक्ष ने सरकार की इस घटना को निराशाजनक, अवैध और असंवैधानिक करार दिया है. हालांकि, अभी तक सरकार की तरफ से इस मामले में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है.
बता दें कि सोमवार को स्पीकर के खिलाफ एक अविश्वास प्रस्ताव पेश होना था. विपक्ष का दावा है कि उनके पास 45 सांसदों और 85 सदन के सदस्यों का समर्थन हासिल है. हालांकि, पिछले सप्ताह चुनाव आयोग के घोषणा के बाद चार सांसदों अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी थी, क्योंकि उन्होंने विपक्ष का सपोर्ट किया था और सत्ता पार्टी को छोड़ दिया था.
बताया जा रहा है कि संसद पर राष्ट्रपति के नियंत्रण को खत्म करने के लिए इस महीने विपक्ष ने सरकार के नेताओं से पर्याप्त समर्थन हासिल किया ताकि वक्ता के खिलाफ महाभियोग की कार्यवाही शुरू हो सके.
बता दें कि पिछले दिनों मालदीव पुलिस ने 30 साल तक मालदीव के राष्ट्रपति रहे मॉमून अब्दुल गयूम के बेटे और विपक्षी सांसद फेरिस मॉमून को लंबी छापेमारी के बाद गिरफ्तार कर लिया था. फेरिस पर सत्तारूढ़ 10 सांसदों को अपने साथ मिलाने के लिए पैसे और पद देने का आरोप दिया है.
गयूम के सौतेले भाई यामीन अब्दुल गयूम राष्ट्रपति हैं और उनकी पार्टी प्रोग्रेसिटव पार्टी ऑफ मालदीव के नेता अब्दुल्ला मसीह वहां की संसद के स्पीकर हैं जिसे मजलिस कहा जाता है.
पूर्व राष्ट्रपति गयूम और उनके बेटे फेरिस की पीपीएम-जेड पार्टी विपक्ष में हैं. इन लोगों ने दूसरे विपक्षी दलों के साथ गठबंधन करके 45 सांसदों का समर्थन जुटाया है जिसमें 10 सत्तारूढ़ दल पीपीएम के सांसद हैं. इन 45 सांसदों ने मजलिस के स्पीकर अब्दुल्ला मसीह के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया था.
मालदीव की संसद यानी मजलिस में सांसदों की कुल संख्या 85 है. मसीह के खिलाफ इसी साल मार्च में भी अविश्वास प्रस्ताव आया लेकिन वो जीत गए थे. इस बार फिर विपक्षी सांसदों ने स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया था.