नई दिल्ली: आय दिन बीफ पर बवाल होता है. मगर आपको ये जानकर हैरानी होगी कि जिस लाइलाज बीमारी एड्स के टीके तैयार करने के लिए पूरा वैज्ञानिक समुदाय जुटा है उसका इलाज सिर्फ और सिर्फ गाय के शरीर में मिला है. गाय के प्रतिरक्षा सिस्टिम ने एड्स से निपटने का रास्ता मिल गया है.
अमेरिकी वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि अब एड्स से एक मात्र गाय ही जान बचा सकती हैं. हाल ही में आई रिपोर्ट में ये बताया गया है कि एचआईवी से निपटने के लिए वैक्सीन बनाने में गाय काफी मददगार साबित हो सकती है.
एचआईवी के टीके पर शोध कर रही एक टीम ने दावा किया है कि प्रतिरक्षा के तौर पर गाय लगातार ऐसे विशेष एंटीबॉडी प्रोड्यूस करती हैं, जिनके जरिए एचआईवी को खत्म किया जा सकता है.
द यूएस नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ मानें तो कॉम्पलेक्स और बैक्टीरिया युक्त पाचन तंत्र की वजह से गायों में प्रतिरक्षा की क्षमता ज़्यादा विकसित हो जाती है. और यही एचआईवी के वैक्सीन में मददगार होने वाली है.
बता दें कि एचआईवी एक घातक बीमारी है और ये काफी जल्दी अपनी स्थिति और मौजूदगी बदलते रहता है. जिसके कारण इसके वायरस को पेशेंट के प्रतिरक्षा सिस्टम में हमला करने का रास्ता मिल जाता है. अगर ये शोध सफल हो जाता है तो ये वैक्सीन एचआईवी के संक्रमण के पहले स्टेज पर ही लोगों को बचा सकती है.
शोध में पाया गया कि इसके लिए शोधकर्ताओं एचआईवी के वायरस को चार गायों में इंजेक्ट किया. तो गाय में तुरंत ही एंटीबॉडी प्रोड्यूस हो गया. बाद में एक गाय में और आगे जब शोद किया गया तो एक गाय में एचआर्इवी का इंजेक्शन लगाया, जिससे 35 दिनों के भीतर उनकी प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो गर्इ. इसके बाद जब गायों की प्रतिरक्षा कोशिकाओं की पड़ताल की गर्इ तो पाया गया कि इनमें से एक में एचआर्इवी को फैलने से रोकने के गुण मौजूद थे.
इंटरनेशनल एड्स वैक्सीन इनिशिएटिव और द स्क्रिप्स रिसर्च इंस्टीच्यूट ने गायों की प्रतिरक्षा क्षमता को लेकर टेस्ट शुरू किया. शोधकर्ता डॉक्टर डेविन सोक की मानें तो जरूरी एंटीबॉडीज गायों के प्रतिरक्षा तंत्र में कई सप्ताह में बनते हैं. वहीं इंसानों में ऐसे एंटीबॉडी विकसित होने में करीब 3 से 5 साल लग जाते है. यही वजह है कि शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि अब इसकी मदद से एड्स का टीका विकसित करने का रास्ता साफ हो गया है.
नेचर जनरल पत्रिका में प्रकाशित एक रिपोर्ट की मानें तो गाय की एंटीबॉडीज से एचआईवी के असर को 42 दिनों में 20 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है. शोध में ये बात सामने आई है कि 381 दिनों में ये एंटीबॉडी करीब 96 प्रतिशत तक एचआईवी के असर को कम कर सकते हैं. शोध में ये बात स्पष्ट हो गई है कि इंसानों के एंटीबॉडी से ज्यादा लाभकारी गायों के एंटीबॉडी हैं.
यही वजह है कि अब शोधकर्ता अब दावा कर रहे हैं कि गाय के इस विशेष एंटीबॉडी से टीका तैयार कर एड्स का इलाज किया जा सकता है. हालांकि ये गाय में ये लक्षण दिखने के बाद वैज्ञानिकों का असली लक्ष्य इसका एक टीके का विकास करना है. मगर ये टीका कब आएगा इसके बारे में अभी कुछ भी नहीं बताया गया है.