नई दिल्ली: तीन दिन के भीतर अमेरिका ने पाकिस्तान को दूसरा बड़ा झटका दिया है. 19 जुलाई को पाकिस्तान को आतंकियों का सुरक्षित पनाहगाह घोषित करने के बाद आज अमेरिका ने पाकिस्तान को मिलने वाली 350 मिलियन अमेरिकी डॉलर की मदद रोक दी है. पेंटागन ने कहा है कि पाकिस्तान ने हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ पर्याप्त कार्रवाई नहीं की है.
दरअसल, US की प्रतिनिधि सभा ने पाकिस्तान को रक्षा क्षेत्र में मदद के लिए दी जाने वाली अमेरिकी फंडिंग की शर्तों को और सख्त बनाने के लिए पिछले दिनों 3 विधायी संशोधनों पर वोट किया है. इसमें शर्त रखी गई है कि वित्तीय मदद दिए जाने से पहले पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में संतोषजनक प्रगति दिखानी होगी. ये सभी शर्तें पाकिस्तान की ओर से आतंकवादियों को दी जा रही मदद से जुड़ी हैं.
इन संशोधनों के बाद सेक्रटरी ऑफ डिफेंस जेम्स मैटिस को पाकिस्तान को फंड देने से से पहले ये प्रमाणित करना होगा कि इस्लामाबाद आतंकवाद के खिलाफ ऐक्शन ले रहा है लेकिन मैटिस ने कांग्रेस को बताया कि पाकिस्तान ने ऐसा कुछ भी नहीं किया है जिसके बाद ये मदद रोक दी गई है.
पेंटागन के प्रवक्ता ने एडम स्टम ने कहा कि नैशनल डिफेंस अथॉराइजेशन ऐक्ट (NDAA) के तहत वित्त वर्ष 2016 के लिए पाकिस्तान सरकार को फंड नहीं जारी किया जा सकता है, क्योंकि सेक्रटरी ने यह प्रमाणित नहीं किया कि हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ पर्याप्त कार्रवाई की गई है.
बता दें कि इससे पहले अमेरिका ने पाकिस्तान को आतंकियों के लिए स्वर्ग कहा. अमेरिका ने पाकिस्तानी आतंकियों को पनाह देने वाले देशों की सूची में डाला दिया था. अमेरिका ने भी माना है कि पाकिस्तान आतंकियों के लिए सुरक्षित ठिकाना है. लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों का पाकिस्तानी धरती पर संचालन हो रहा है.