लाहौर : पनामा पेपर लीक मामले में फंसे पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की एक बार फिर से मुसीबत में फंसते नजर आ रहे हैं. नवाज शरीफ एक फॉन्ट को लेकर इस बार कुछ ऐसे फंसे हैं कि अगर उन पर लगे ये आरोप साबित होते हैं तो उन्हें प्रधानमंत्री की कुर्सी से भी हाथ धोना पड़ सकता है.
इस मामले की जांच के लिए गठित इस केस की जांच के लिए गठित संयुक्त जांच दल (जेआईटी) ने पाक पीएम नवाज शरीफ की बेटी मरियम नवाज की ओर से जमा किये गये दस्तावेजों को नकली जाली करार दिया है. बता दें कि मरियम ने साल 2006 में संयुक्त जांच दल के समक्ष दस्तावेज पेश किया था.
बताया जा रहा है कि जो दस्तावेज मरियम नवाज की ओर से जांच दल के समक्ष प्रस्तुत किये गये हैं, उसे गलत फॉन्ट के कारण फर्जी करार दिया गया है. बताया जा रहा है कि इन दस्तावेजों में माइक्रोसॉफ्ट के Calibri फॉन्ट का इस्तेमाल किया गया है. हैरान करने वाली बात ये है कि 2006 में जब ये दस्तावेज पेश किया गया, उस वक्त माइक्रोसॉफ्ट का ये कैलिबरी फॉन्ट कॉमर्शियल यूज के लिए नहीं बनाया गया था.
बता दें कि ‘Warm और Soft’ कैलिबरी को लुकास जे ग्रूट द्वारा साल 2004 में डिजाइन किया गया था, मगर 30 जनवरी 2007 से माइक्रोसॉफ्ट ने इसे पब्लिक यूज के लिए लॉन्च किया था.
संयुक्त जांच दल जेआईटी को इस जालसाझी का पता उस वक्त लगा जब उन दस्तावेजों को फॉरेंसिक जांच के लिए विदेश भेजा गया. हालांकि, ये मामला सामने आने के बाद से लोगों ने ट्विटर पर भी फॉन्ट के साथ छेड़छाड़ करने का स्क्रीनशॉट शेयर किया है. एक यूजर ने जो ट्वीट किया है, उससे साफ दिख रहा है कि पिछले 10 जुलाई से अब तक इसे अलग-अलग 15 लोगों द्वारा 25 बार इस फॉन्ट से छेड़छाड़ किया गया है.
बता दें कि साल 2016 में जब से पनामा पेपर लीक में पाक पीएम शरीफ का नाम आया है, तब से वो दवाब में चल रहे हैं. उनके ऊपर परिवार की संपत्ति छुपाने और अवैध अकाउंट में पैसे ट्रांसफर करने का आरोप है. इसी जांच दल की ओर से शरीफ परिवार के द्वारा विदेश में संपत्ति बनाने और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामलों की जांच कर रिपोर्ट दाखिल की गई है.