नई दिल्ली : इस दुनिया में रहस्यों और अजूबों की कमी नहीं है. इतिहास के पन्नों में ऐसे कई किस्से मौजूद हैं जिसे आज भी बड़े चाव से कहा-सुना जाता है. कभी किसी सल्तनत की अजीबोगरीब कहानियां तो किसी साम्राज्य के उदय और अस्त की दास्तां. कभी कोई साम्राज्य अपनी विशालता की वजह से फेमस रहा है तो कोई किसी और वजह से.
आज के समय में किसी साम्राज्य की कल्पना करना बेमानी सी लगती है. उसमें में भी सबसे छोटे साम्राज्य की. आज अगर किसी साम्राज्य की बात की जाए तो ऐसा लगता है कि हम शायद बीते जमाने की बात कर रहे हैं. लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि 21वीं सदी के इस दौर में भी एक ऐसा साम्राज्य है जो अपने अनोखेपन के कारण दुनिया में चर्चा का विषय बना हुआ है.
11 लोगों वाला साम्राज्य :
आपको जानकर आश्चर्य होगा कि इस दुनिया के एक कोने में एक ऐसा साम्राज्य मौजूद है, जिसमें महज 11 लोग ( हालांकि, कुछ रिपोर्ट में 14 लोगों के होने का भी दावा किया जाता है) रहते हैं. जी हां, आपने सही सुना इस महज 11 लोगों का साम्राज्य. जी हां, दुनिया का सबसे अजूबा साम्राज्य है, जिसका नाम है किंगडम ऑफ टवोलारा. इस साम्राज्य की हर एक बात काफी मजेदार और अजूबा है. किंगडम ऑफ टवोलारा के राजा शायद दुनिया के पहले ऐसे राजा होंगे जो अपनी शिकार करते हैं और रेस्टोरेंट चलाते हैं. खास बात ये है कि इस किंगडम के राजा एक आम आदमी की तरह ही कपड़े-लते पहनते हैं. साथ ही एक राजा के तौर पर उन्हें सिर्फ़ मुफ़्त भोजन की सुविधा मिलती है.
अब आप ये जानने को उत्सुक होंगे कि आखिर ये साम्राज्य दुनिया के किस कोने में मौजूद है. दरअसल, इटली के सार्डीनिया प्रांत के पास भूमध्य सागर में एक छोटा सा द्वीप है. इसी द्वीप पर ये साम्राज्य स्थित है, जिसे किंगडम ऑफ टवोलारा के नाम से जाना जाता है. हैरान करने वाली बात ये है कि किंगडम ऑफ टवोलारा एक छोटे से टवोलारा नामक जजीरे पर फैला हुआ है और इसकी लंबाई-चौड़ाई महज 5 वर्ग किलोमीटर है.
सार्डीनिया के राजा ने ढूंढा था ये द्वीप :
इसके बारे में कहा जाता है कि इसे बर्तिलिओनी परिवार और सार्डीनिया के राजा चार्ल्स अल्बर्ट ने बसाया था. अगर इसके इतिहास को और खंगाला जाए तो ऐसी जानकारी मिलती है कि इस द्वीप के सम्राट होने का दावा सबसे पहले ग्यूसेप बर्तलिओनी ने किया था. सन 1840 के दशक में उनकी मृत्यु के बाद उनके बेटे पाओलो इस किंगडम के सम्राट बनें. लेकिन अब इस किंगडम के राजा एंतोनियों बर्तलिओनी हैं.
खास बात ये है कि भले ही ये इस किंगडम के राजा हैं, मगर आप देखकर इन्हें किसी भी एंगल से आप इन्हें राजा मानने को तैयार नहीं होंगे कारण कि न ही आपको इनका ड्रेस राजाओं वाला दिखेगा और न ही इनकी शान-ओ-शौकत. आपको ये जानकर हैरानी होगी कि सम्राट एंतोनियो बर्तलिओनी वहां खुद एक रेस्टोरेंट चलाते हैं. यहां के प्रजा और राजा में आपको किसी तरह का अंतर देखने को नहीं मिलेगा.
इटली से भी पुराना है यह किंगडम :
अगर इस सम्राज्य के बारे में विस्तार से जानना है तो इसके इतिहास को जानना होगा. बताया जाता है कि इस साम्राज्य के पहले राजा और एंतोनियो के पूर्वज ग्यूसेप बर्तलियोनी करीब 1807 के करीब दो बहनों से शादी कर इटली से भागकर इस द्वीप पर आकर बस गये थे. हालांकि, तब इटली भी कोई एक देश के रूप में अस्तिव में नहीं था. बल्कि एक साम्राज्य के रूप में था. इस सार्डीनिया साम्राज्य में दो शादियों की मनाही थी, इसलिए ग्यूसेप ने यहां से भागकर इस द्वीप पर आकर बस गये थे
हालांकि, इस द्वीप की खोज सार्डीनिया के सम्राट कार्लो अल्बर्टो ने की थी. ग्यूसेप जब यहां रहने लगे तो उन्होंने एक अजीब तरह की सुनहरी दांतों वाली बकरियों को वहां पाया. सुनहरी दांत वाली बकरियों की भनक खुद सम्राट कार्लो अल्बर्टो तक पहुंची. उन्होंने खुद इन बकरियों को देखने और उनका शिकार करने के लिए इस द्वीप टवोलारा द्वीप पर आए.
खुश होकर राजा अल्बर्टो ने इसे अलग किंगडम घोषित कर दिया :
बताया जाता है कि जब 1840 के करीब में जब राजा अल्बर्टो इस द्वीप पर आए, तो उन्हें पूरा द्वीप घुमाने में ग्यूसेप के बेटे पाओलो ने मदद की. शिकार कराने और द्वीप की सैर कराने में सार्डीनिया के राजा की मदद पाओलो ने की, जिससे राजा काफी प्रसन्न हुए. यही वजह है कि जब वो टवोलारा में तीन दिनरहने के बाद जब वापस लौटने लगे तो उन्होंने इस बात का एलान किया कि अब टवोलारा सार्डीनिया का हिस्सा नहीं रहेगा और इस द्वीप की बादशाहत पाओलो के पास होगी.
बताया जाता है कि उस वक्त किंगडम ऑफ टवोलारा में करीब 33 लोग रहा करते थे, मगर अब इसकी संख्या 11 हो गई है. 1861 के समय इटली सरकार ने इस द्वीप पर लाइटहाउस के निर्माण के लिए 12,000 लीरा (करेंसी) का भुगतान किया. जिसका निर्माण 1868 में इसके निर्माण का कार्य शुरू किया गया. पाओलो बर्तलिओनी के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने जीते जी कभी मुकुट नहीं पहना. यही कारण है कि उन्होंने अपनी अंतिम इच्छा में इस बात का जिक्र किया था कि जब उनकी मृत्यु हो तो एक शाही कब्रिस्तान बनवाया जाये और उसके ऊपर एक मुकुट लगाया जाए.
इस किंगडम में चुनाव भी हुए हैं:
1886 में पाओलो के मुत्यु के बाद कई समाचार पत्रों में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, उनकी इच्छा के अनुसार, किंगडम ऑफ टवोलारा एक रिपब्लिक बन गया था. न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, वहां लोगों के वोट से हर छह साल पर एक सरकार का चुनाव होता था, जिसमें एक प्रेसीडेंट होता था, और 6 काउंसिल के सदस्य होते थे. एक और रिपोर्ट की मानें तो ऐसा कहा जाता है कि टवोलारा में साल 1896 में तीसरा प्रेसीडेंशियल इलेक्शन भी हुआ था. बावजूद इसके बर्तलिओन किंगडम खत्म नहीं हुआ और यही वजह है कि इसे अभी भी किंगडम ऑफ टवोलारा के रूप में जाना जाता है.
ऐसा बताया जाता है कि इस किंगडम के तीसरे राजा के रूप में कार्लो आई थे, उन्होंने सफलता पूर्वक इस साम्राज्य को चलाया. हालांकि, 1928 में उनकी मृत्यु के बाद उनके बेटे पाओलो द्वीतीय राजा बनें. बाद में फिर पाओलो वापस आ गये और 1962 तक वो इस किंगडम पर अपना दावा करते रहे. 1962 में इस द्वीप पर नाटो ने सैनिक अड्डा बना दिया, जिसके बाद से माना जाता है कि इस साम्राज्य की संप्रभुत्ता खत्म हो गई, मगर साम्राज्य कायम है. और इसके काफी हिस्सों पर आने-जाने की पाबंदी लगा दी गई. एक खास बात और है कि इटली ने भी कभी इस किंगडम ऑफ टवालोरा को कभी अपना हिस्सा नहीं बताया.
यहां का राजा रेस्टोरेंट चलाता है और मछली पकड़ता है:
टवालोरा आज भी एक स्वतंत्र साम्राज्य है. यहां पर्यटक घूमने आते हैं और यहां के नजारों का लुत्फ उठाते हैं. माना जाता है कि यहां की बकरियां और विलुप्त होती बाज की नस्ल पर्यटकों के आकर्षण का मुख्य केंद्र होता है. साथ ही इस किंगडम के आस-पास समंदर में खूब सारे समुद्री जानवर होते हैं. खास बात ये है कि अभी बर्तमान सम्राट एंतोनियों और उनके भतीजे यहां फेरी सर्विस चलाते हैं और भतीजा मछलियों का शिकार भी करता है.
एंतोनियों का रेस्टोरेंट यहां आने वाले पर्यटकों अथवा सैलानियों से चलता है. इस रेस्टोरेंट में शिकार में मिले मछलिओँ के डिश को परोसा जाता है. इसी से इस राजा की जिंदगी चलती है. इस राजा की जिंदगी एक आम आदमी की तरह होती है, जो खुद रेस्टोरेंट चलाकर अपना गुजर-बसर कर रहा है. इस दुनिया का इकलौता सबसे छोटा किंगडम और भी कई वजहों से दुनिया के लिए चर्चा का विषय है.