PoK में फिर लगे पाकिस्तान से ‘आजादी’ के नारे, नेताओं ने कहा- हमारे यहां न भेजें आतंकी

पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में एक बार फिर पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शन हुआ है. पीओके के हाजिरा में रहने वाले लोगों ने पाकिस्तान की आर्मी और प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की.

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PoK में फिर लगे पाकिस्तान से ‘आजादी’ के नारे, नेताओं ने कहा- हमारे यहां न भेजें आतंकी

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  • July 2, 2017 2:46 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
हाजिरा: पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में एक बार फिर पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शन हुआ है. पीओके के हाजिरा में रहने वाले लोगों ने पाकिस्तान की आर्मी और प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की. उन्होंने पाक आर्मी पर क्षेत्र में आतंकियों को पालने-पोसने और आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है. 
 
 
पीओके के नेता लियाकत हयात खान ने कहा है कि हम पाकिस्तान की आर्मी और पीएम से हाथ जोड़कर अपील करते हैं कि यहां इस धरती पर आतंकियों को न भेजो. अमन की इस धरती पर सभी मजहब के लोग रहते हैं, लेकिन इन दिनों यहां मंदिरों, मस्जिदों के अंदर धमाके हो रहे हैं. ये सही नहीं है. पाकिस्तान आतंक का साथ न दे, एक दिन वह उसके खिलाफ ही जाग उठेगा.
 
पीओके में इस तरह का पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी पाक अधिकृत कश्मीर में लंबे समय से पाक के विरोध की आवाजें उठती रही हैं. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि पाकिस्तान से आजादी हमारा हक है और हम हर हाल में इसके हासिल करके रहेंगे. यह विरोध प्रदर्शन पाकिस्तान की ओर से पीओके के लोगों पर ढहाए जा रहे जुल्म के खिलाफ गुस्सा है. पाकिस्तानी सेना और आईएसआई इस इलाके में लोगों और नेताओं पर अत्याचार कर रही है. उन्हें जबरन आतंक के रास्ते पर भेजती है.
 
प्रदर्शन कर रहे लोगों ने का कहना है कि पाकिस्तान की सेना और आईएसआई पीओके के महिलाओं पर अत्याचार करती है और नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं को बुरी तरह प्रताड़ित करती है. यहां के सारे निर्णय आईएसआई ही करती है. स्थानीय युवकों का कहना है कि  जो जिहाद में शामिल नहीं होते उसे आईएसआई उठाकर ले जाती है. पाकिस्तान की सरकार उनके साथ भेदभाव करती है और उन्हें मूलभूत सुविधाएं भी नहीं दी जादी हैं.
 
रिपोर्ट्स के मुताबिक पाकिस्तानी आर्मी के अंडर पीओके में 50 से ज्यादा आतंकी कैंप बना रखे हैं, वो यहां से भारत के अंदर दहशतगर्दी काम करते हैं. इनमें से ज्यादातर कैंप्स प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-झांगवी, लश्कर-ए-तैयबा और यहां तक कि आईएसआईएस के हैं. इन संगठनों को पाकिस्तानी सेना का समर्थन मिला हुआ है.
 
 
बता दें कि पाक अधिकृत कश्मीर में लंबे समय से विरोध की आवाजें उठती रही हैं. इसके अलावा गिलगित-बालिस्तान और सिंध प्रांत में भी पाकिस्तान के खिलाफ स्थानीय लोग अपनी आवाज बुलंद करते रहे हैं. वहीं पाकिस्तान इन आवाजों को दबाने की भरसक कोशिश करता रहा है. 

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