वॉशिंगटन: पहले कई मुस्लिम देशों के नागरिकों के वीजा पर बैन लगाया और अब व्हाइट हाउस में इफ्तार पार्टी की दशकों पुरानी परम्परा पर विराम लगाकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प फिर से चर्चा में हैं. पिछले बीस साल तक ऐसा कभी नहीं हुआ कि इफ्तार पार्टी अमेरिकी राष्ट्रपति के आवास में नहीं हुई हो, यहां तक कि 9/11 जैसे भयंकर हादसे के बावजूद भी अगले साल इफ्तार वहां रखी गई और राष्ट्रपति ने कह दिया कि पूरी कौम को उस हमले के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता. लेकिन ट्रम्प ने वो परम्परा तोड़कर एक बार फिर से सबको चौंका दिया.
ये फैसला भी ऐन तब हुआ है, जब भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी खुद अमेरिका में हैं और आज रात मोदी की शान में व्हाइट हाउस में डिनर भी रखा गया है, ऐसा स्पेशल डिनर व्हाइट हाउस में ट्रम्प के राज में पाने वाले वो पहले विदेशी हैं. मोदी का बड़ा मकसद भी इस दौरे का यही है कि कैसे भी अमेरिका आतंक को पालने पोसने वाले पाकिस्तान को मदद करना कम करे, उस पर तमाम पाबंदिया लगाए. ऐसे में इफ्तार आयोजित ना करने से ये खबर अमेरिका में ही नहीं पूरी दुनियां में चर्चा का विषय बन गई है.
कभी 1805 में अमेरिकी राष्ट्रपति थॉमस जेफरसन ने ट्यूशीनिया के एम्बेसडर सीदी सोलोमन की खातिर में एक इफ्तार पार्टी रखी थी. लेकिन हर साल व्हाइट हाउस में इफ्तार रखने का चलन हिलेरी क्लिंटन ने तब शुरू किया था, जब वो अमेरिका की फर्स्ट लेडी थीं, उसके बाद हर साल ये होती रही, चाहे बुश राष्ट्रपति रहे हों या ओबामा. पूरे बीस साल बाद ये क्रम इस साल टूट गया है. हालांकि पिछले साल जून में ही एबीसी न्यूज के जोनाथन कार्ल को उन्होंने कहा था कि अगर मैं जीता तो मैं भी व्हाइट हाउस में इफ्तार जारी रखूंगा.
लेकिन जब पिछले दिनों सेक्रेटरी ऑफ स्टेट रेक्स टिलरसन का बयान आया कि इस साल व्हाइट हाउस में इफ्तार नहीं होगा तो इससे लगता है कि ये काफी पहले से तय था कि इफ्तार नहीं होना है. अब जाकर ट्रम्प और उनकी पत्नी के हवाले से एक स्टेटमेंट जारी किया गया तो कयासों पर मोहर भी लग गई. इस स्टेटमेंट में कहा गया है, “On behalf of the American people, Melania and I send our warm greetings to Muslims as they celebrate Eid al-Fitr.During this holiday, we are reminded of the importance of mercy, compassion, and goodwill. With Muslims around the world, the United States renews our commitment to honor these values.”
दिलचस्प बात थी कि जहां ओबामा ने अपने ईद स्टेटमेंट में अमेरिकी मुस्लिमों पर बढ़ रहे हमलों जैसी कोई चिंता जताते थे, ट्रम्प ने इस मुद्दे से परहेज बरता और एक अविवादति औपचारिक संदेश जारी कर दिया. पहले से ही अमेरिका को संदेह की निगाहों से देख रहे पाकिस्तान के लिए भी ये अच्छी खबर नहीं हैं.