न्यूयॉर्क. परिवार में किसी के गुजर जाने पर दुख और सदमे से उबरने के लिए 20 दिन तक की पेड छुट्टी वाली खबरों के बाद अब हम बता रहे हैं कुछ ऐसी कंपनियों के बारे में जो परिवार में बीमार लोगों की देखभाल के लिए आपको एक साल में 6 हफ्ते तक की पेड छुट्टियां देती हैं.
शुरुआत सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक से ही करते हैं जिस कंपनी ने इस तरह की स्टाफ हित की छुट्टियों की शुरुआत की है. फेसबुक में काम करने वाले करीब 19 हजार कर्मचारियों को हर साल परिवार में गंभीर बीमारी से जूझ रहे सदस्यों की देखभाल के लिए 6 हफ्ते तक की पेड छुट्टी मिलती है.
कर्मचारियों के लिए छुट्टियों के मामले में बहुत ही उदार नीतियां पेश कर चुकी फेसबुक के स्टाफ परिवार के किसी सदस्य को बुखार, फ्लू जैसी बीमारियों के दौरान 3 दिन की पेड छुट्टी ले सकते हैं. फेसबुक ने इसे फैमिली सिक लीव का नाम दिया है.
फेसबुक की सीओओ शेरिल सैंडरबर्ग ने पिछले साल अपने पति डवे गोल्डबर्ग को खो दिया था. उसके बाद उन्हें अपने दो बच्चों के साथ-साथ खुद को भी संभालना पड़ा था. फेसबुक में कर्मचारियों की पारिवारिक जरूरतों को पूरी करने वाली इन छुट्टियों का ऐलान इस साल फरवरी में शेरल सैंडरबर्ग ने ही किया था.
फेसबुक के बाद कम्प्यूटर क्षेत्र की सबसे बड़ी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट भी ऐसी छुट्टियां देने वालों में शामिल है. करीब सवा लाख कर्मचारियों वाली माइक्रोसॉफ्ट अपने स्टाफ को गंभीर रूप से बीमार परिवार के सदस्य की देखभाल के लिए साल में 4 हफ्ते की पेड छुट्टी देती है.
माइक्रोसॉफ्ट के अलावा नामी सॉफ्टवेयर कंपनी एडोबी सिस्टम्स भी अपने कर्मचारियों को परिवार के अंदर बीमारी से परेशान लोगों की केयर करने के लिए हर साल 4 हफ्ते तक पेड छुट्टी देती है. एडोबी में करीब-करीब 16 हजार लोग काम करते हैं.
ये तीनों कंपनियों अमेरिका के अलग-अलग शहरों से चल रही हैं इसलिए इस मसले पर अमेरिका का कानून क्या कहता है वो जानने के बाद आपको इन छुट्टियों की अहमियत समझ में आएगी. अमेरिका में इस तरह की छुट्टी के लिए कोई संघीय कानून नहीं है.
अमेरिकी कानून में 12 हफ्ते की छुट्टी का प्रावधान तो है पर पेड नहीं
अमेरिकी पारिवारिक मेडिकल लीव कानून के तहत अमेरिकी कर्मचारियों को परिवार के बीमार लोगों की देखभाल के लिए साल में 12 हफ्ते तक की छुट्टी का प्रावधान है लेकिन ये छुट्टियां कानूनन पेड नहीं हैं. मतलब आप छुट्टी तो ले सकते हैं लेकिन छुट्टी का पैसा देना, ना देना, कंपनियों पर निर्भर है.
परिवार में किसी के गुजरने पर कर्मचारी को उस दुख और सदमे से उबरने के लिए फेसबुक और मास्टरकार्ड 20 दिन की छुट्टियां देते हैं. मास्टरकार्ड कंपनी के सीईओ अजयपाल सिंह बंगा भारतीय नागरिक हैं और उन्हें नरेंद्र मोदी सरकार ने 2016 में पद्मश्री सम्मान से नवाजा था.
पुणे में जन्मे मास्टरकार्ड सीईओ अजयपाल सिंह बंगा ने दिल्ली के सेंट स्टीफेंस से बीए और आईआईएम, अहमदाबाद से मैनेजमेंट की पढ़ाई की है. मास्टरकार्ड में 11 हजार से ज्यादा जबकि फेसबुक में करीब 19 हजार लोग काम करते हैं.
अब परिवार के सदस्यों के बीमार होने पर देखभाल के लिए पेड लीव देनी वाली तीन कंपनियों फेसबुक, माइक्रोसॉफ्ट और एडोबी में भी दो कंपनियों के सीईओ भारतीय मूल के हैं. माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नडेला और एडोबी के सीईओ शांतनु नारायन भारत में पैदा हुए और अमेरिका में करियर बनाते हुए अमेरिकी नागरिकता ले ली.
49 साल के माइक्रोसॉफ्ट सीईओ सत्या नडेला हैदराबाद में पैदा हुए थे और उनके पिता भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी थे. मणिपाल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से कम्प्यूटर साइंस की डिग्री लेने के बाद आगे की बढ़ाई के लिए सत्या अमेरिका गए थे और फिर वहीं बस गए. उनकी पत्नी अनुपमा प्रियदर्शिनी के पिता भी आईएएस अधिकारी थे.
सत्या नडेला को अमेरिका में सबसे ज्यादा पगार पाने वाला सीईओ माना जाता है. अनुमान है कि माइक्रोसॉफ्ट साल भर में उन्हें सैलरी, बोनस, बांड वगैरह के जरिए 500 करोड़ रुपए से ज्यादा देती है. चर्चा है सिर्फ सैलरी मद में उन्हें 110 करोड़ सालाना मिलता है. 2014 में नडेला ने माइक्रोसॉफ्ट की कमान संभाली थी और तब से अब तक कंपनी का स्टॉक 60 परसेंट बढ़ चुका है.
एडोबी सिस्टम्स के सीईओ शांतनु नारायन कमाई के मामले में अमेरिका में तीसरे टॉप भारतीय हैं. अनुमान है कि उन्हें सिर्फ तन्ख्वाह से करीब 40 करोड़ रुपए सालाना मिलते हैं. बांड और बोनस अलग हैं.
मुंबई में पैदा हुए शांतनु की शुरुआती परवरिश हैदराबाद में हुई. इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में उस्मानिया यूनिवर्सिटी से ग्रैजुएट शांतनु 2007 से एडोबी के सीईओ हैं. शांतनु एप्पल में भी काम कर चुके हैं.