जापान की राजधानी टोक्यो को यूं ही नहीं कहा जाता दुनिया का सबसे ईमानदार शहर, ये है वजह

आज के जमाने में ईमानदारी की अपेक्षा करना बेमानी सी लगती है. मगर ऐसा नहीं है कि ईमानदारी इस दुनिया में कहीं बची ही नहीं. जापान की राजधानी टोक्यो को आज भी दुनिया का सबसे ईमानदार शहर माना जाता है. ऐसा सिर्फ माना ही नहीं जाता, बल्कि आंकड़े भी इसकी गवाही देते हैं. ईमानदारी वहां इस कदर है कि पैसों से भरे बैग को भी लोग पुलिस के पास पहुंचा देते हैं.

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जापान की राजधानी टोक्यो को यूं ही नहीं कहा जाता दुनिया का सबसे ईमानदार शहर, ये है वजह

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  • June 13, 2017 11:37 am Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
टोक्यो: आज के जमाने में ईमानदारी की अपेक्षा करना बेमानी सी लगती है. मगर ऐसा नहीं है कि ईमानदारी इस दुनिया में कहीं बची ही नहीं. जापान की राजधानी टोक्यो को आज भी दुनिया का सबसे ईमानदार शहर माना जाता है. ऐसा सिर्फ माना ही नहीं जाता, बल्कि आंकड़े भी इसकी गवाही देते हैं. ईमानदारी वहां इस कदर है कि पैसों से भरे बैग को भी लोग पुलिस के पास पहुंचा देते हैं. 
 
जापान टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबाकि, पिछले साल राजधानी टोक्यो में जापानियों ने 3.7 अरब यानी कि करीब 2.5 करोड़ रुपये पुलिस को लौटाए. खास बात ये है कि ये रकम वो है जो लोगों को उन्हें रास्ते में या किसी जगह पर पड़ी हुई मिली थी. इतना ही नहीं, लोगों ने छोटी-बड़ी चीज़ें पुलिस तक पहुंचाई.
 
 
आपको जानकर आश्चर्य होगा कि करीब जितनी भी रकम पुलिस के खोया-विभाग को मिले उनमें से करीब तीन चौथाई रकम असली हकदार के पास पहुंच गई. इसके पीछे तर्क ये दी जाती है कि अगर जापान में इतनी बड़ी रकम खोने के बाद भी उसके असली हकदार तक पहुंच जाती है, तो इसकी ये वजह है कि वहां की अर्थव्यवस्था में नकदी काफी ऊंचे स्तर पर है. और उससे भी बड़ी बात ये है कि जापान की अर्थव्यवस्था में 1030 खरब येन के करीब नकदी हैं. 
 
जापान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, ईमानदारी जापान की आबो-हवा में बसी हुई है. कारण कि इतनी राजधानी टोक्यो जैसे भीड़-भाड़ वाले शहर में भी लोग रेस्टोरेंट के अंदर अपने फोन को टेबल पर रखकर सीट बुक करते हैं और तब जाकर काउंटर पर ऑर्डर देते हैं. हैरान करने वाली बात ये है कि उनके पीछे कोई इस फोन को चुराता भी नहीं है. 
 
 
बताया जाता है कि जापान के स्कूलों में बच्चों को नैतिकता का पाठ पढ़ाया जाता है और उन्हें इस बात का एहसास कराया जाता है कि किसी का कुछ गुम हो जाने पर कैसा महसूस होता है. इतना ही नहीं, वहां कानूनी तौर पर भी नकदी मिले पैसे को पुलिस के पास जमा कराना अनिवार्य है. लेकिन उस रकम में से पांच से 20 फीसदी तक इनाम के तौर पर भी उसे दिया जाता है. और अगर तीन महीने में असली हकदार नहीं मिलता है, तो पूरी रकम उस व्यक्ति की हो जाती है, जिसे वो पैसे मिलते हैं. 
 

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