वाशिंगटन: अमेरिका के एक प्रमुख थिंक टैंक ने कहा है कि पाकिस्तान तालिबान और हक्कानी नेटवर्क के लिए अब भी पनाहगाह बना हुआ है. वह एक सहयोगी होने की बजाय खतरा अधिक है. थिंक टैंक ने कहा कि ट्रंप प्रशासन को इस्लामाबाद को यह साफ कर देना चाहिए कि अगर वह आतंकी नेटवर्कों का समर्थन जारी रखता है तो उसे प्रतिबंधों का सामना करना पड़ेगा.
सेंटर फॉर स्ट्रैटेजी एंड इंटरनेशनल स्टडीज (CSIS) के एक बयान के मुताबिक, जंग और सिविलियन पॉलिटिक्स, प्रशासन और गरीबी के साथ अफगानिस्तान की लड़ाई जारी है. वहीं, पाकिस्तान अभी भी तालिबान और हक्कानी नेटवर्क जैसे आतंकी ग्रुपों के लिए मददगार बन रहा है. इस लिहाज से वह हमारे लिए साथी से कहीं ज्यादा एक खतरा है.
थिंक टैंक की रिपोर्ट में लिखा है कि अगर पाकिस्तान तालिबान को अपना समर्थन और हक्कानी नेटवर्क को बर्दाश्त करना जारी रखता है तो उसको मिलने वाली सभी मदद पूरी तरह बंद कर दी जाएंगी. अफगानिस्तान संघर्ष में और अपनी सैन्य राजनीतिक, शासन एवं गरीबी हर संदर्भ में बुरा प्रदर्शन कर रहा है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि युद्ध के सैन्य एवं असैन्य आयामों में बेहतर दृष्टिकोण एवं बेहतर रणनीति होनी चाहिए. इसमें कहा गया है, ‘कोई भी प्रतिबद्धता असीमित नहीं होनी चाहिए. अफगानिस्तान को बहुत अधिक, बहुत बेहतर करना होगा ताकि अमेरिकी प्रतिबद्धता के हर आगामी साल को न्यायोचित ठहराया जा सके.’
रिपोर्ट में चीन को लेकर भी राय दी गई है. रिपोर्ट ने कहा है कि अमेरिका को चीन को भी यह साफ कर देना चाहिए कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान संबंधी समस्या से निपटने में चीन का सहयोग, चीन और अमेरिका दोनों का भविष्य हित में होगा.