नई दिल्ली: चीन ने सोमवार को रूस में दिये गये भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी के उस बयान का स्वागत किया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत और चीन के बीच सीमा विवाद होने के बावजूद भी पिछले 40 साल से सीमा विवाद में एक भी गोली नहीं चली है.
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हुआ चूनिआईंग से जब रूस की यात्रा के दौरान मोदी की टिप्पणियों के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि हमने प्रधान मंत्री मोदी द्वारा किए गए सकारात्मक टिप्पणियों पर संज्ञान लिया और हम उनके उस बयान का स्वागत करते हैं.
बता दें कि मोदी ने कहा था कि दुनिया एक दूसरे से जुड़ी हुई और एक दूसरे पर निर्भर है और इस बदलाव ने भारत और चीन के लिए यह जरूरी कर दिया कि वे सीमा विवाद होने के बावजूद व्यापार एवं निवेश पर सहयोग को लेकर बातचीत करें.
सेंट पीटर्सबर्ग अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक मंच में पैनल डिस्कशन के दौरान पीएम मोदी ने कहा था कि ‘यह सही है कि चीन के साथ हमारा सीमा विवाद है. मगर पिछले 40 साल से सीमा विवाद के बावजूद एक भी सीमा पर एक भी गोली नहीं चली है.’
पीएम मोदी के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रवक्ता हुआ ने कहा कि ‘हम इस बात पर जोर देते आ रहे हैं कि चीन और भारत के बीच द्विपक्षीय संबंधों में ठोस, सतत और गहन प्रगति का बहुत महत्व है.’
साथ ही उन्होंने कहा कि दोनों देशों के नेताओं ने सीमा संबंधी प्रश्न पर काफी ध्यान दिया है. दोनों देशों के नेता जब भी वे मिलते हैं, हर बार वे इस मुद्दे पर विचारों का आदान-प्रदान करते हैं. दोनों पक्षों की यह सहमित है कि सीमा संबंधी मुद्दे को हल करना दोनों पक्षों के हित में है. इस रणनीतिक लक्ष्य को हासिल करने के लिए दोनों देश प्रयासरत हैं.
उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों के विशेष प्रतिनिधियों की ओर से 19 राउंड सीमा वार्ता हुए हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों ने सीमावर्ती इलाकों में शांति बनाए रखने के लिए गंभीर कदम उठाए हैं.
गौरतलब है कि भारत की तमाम कोशिशों के बावजूद पाकिस्तान एनएसजी पर भारत के समर्थन के लिए तैयार नहीं है. एनएसजी में भारत को शामिल करने के सवाल पर सोमवार को चीन ने कहा कि वर्तमान हालातों में ये मामला और भी ज्यादा पेचिदा हो गया है. चीन ने कहा कि एनपीटी साइन करने वाले देशों में किसी भी तरह का भेदभाव संभव नहीं है.