वॉशिंगटन : अमेरिका ने गुरुवार को पेरिस जलवायु समझौते से पीछे हटने का ऐलान कर दिया है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने साल 2015 में हुए जलवायु समझौते से बाहर निकलने की घोषणा कर दी है. इस समझौते पर 195 देशों ने हस्ताक्षर किए थे.
अमेरिका के राष्ट्रपति ने कहा है कि वह अपने अमेरिकन वर्कर्स फर्स्ट के वादे को पूरा कर रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘अमेरिका की रक्षा करना मेरा कर्तव्य है और इस समझौते से अमेरिका को कोई खास फायदा नहीं हो रहा था इसलिए अमेरिका पेरिस जलवायु समझौते से बाहर हो रहा है.’
ओबामा ने की निंदा
डोनाल्ड ट्रंप के इस फैसले की अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने निंदा की है. उन्होंने कहा है कि इस तरह के फैसले से भविष्य में अमेरिका के लोगों को नुकसान होगा, अमेरिका के लोगों का भविष्य खराब होगा.
वहीं वैज्ञानिकों ने ट्रंप के इस फैसले पर कहा है कि इससे क्लाइमेट चेंज को लेकर हो रही कोशिशों को बड़ा झटका लग सकता है. बता दें कि ट्रंप ने अपने चुनावी अभियान के दौरान कहा था कि पेरिस जलवायु समझौते की वजह से अमेरिका की इकोनॉमी को अरबों रुपए का नुकसान हुआ है. साथ ही ट्रंप ने इस समझौते को अमेरिका की इकोनॉमी को कमजोर करने वाला बताया था.
‘भारत और चीन के लिए मुश्किल डील नहीं’
डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और चीन पर बात करते हुए कहा कि पेरिस जलवायु समझौता इन दोनों देशों के लिए कोई मुश्किल डील नहीं था. उन्होंने कहा, ‘भारत को 2020 तक कोयला उत्पादन को दोगुना करने की अनुमति दी जाएगी, यहां तक की यूरोप को भी यह अनुमति थी. उनके मुताबिक इस डील से भारत और चीन को फायदा पहुंचाने की कोशिश की गई है और एशिया के इन दो बड़े देशों पर कड़ाई नहीं बरती गई है.
बता दें कि ट्रंप की इस घोषणा के बाद अमेरिका तीसरा ऐसा देश हो जाएगा जो इस समझौते का हिस्सा नहीं होगा. निकारागुआ और सीरिया भी इस समझौते का हिस्सा नहीं हैं.