नई दिल्ली: आज हम उस युग में जी रहे हैं जहां आदमी चांद तक पहुंच चुका है, वैज्ञानिक के पास लगभर हर चीज का आधार है लेकिन हाईटेक युग में कुछ लोग ऐसे हैं जो अंधविश्वास की दुनिया में अपनी किस्मत पलटना चाहते हैं. आज हम उस युग में जी रहे हैं जहां आदमी चांद […]
नई दिल्ली: आज हम उस युग में जी रहे हैं जहां आदमी चांद तक पहुंच चुका है, वैज्ञानिक के पास लगभर हर चीज का आधार है लेकिन हाईटेक युग में कुछ लोग ऐसे हैं जो अंधविश्वास की दुनिया में अपनी किस्मत पलटना चाहते हैं.
आज हम उस युग में जी रहे हैं जहां आदमी चांद तक पहुंच चुका है. वैज्ञानिक के पास लगभर हर चीज का आधार है लेकिन हाईटेक युग में कुछ लोग ऐसे हैं जो अंधविश्वास की दुनिया में अपनी किस्मत पलटना चाहते हैं. कुछ लोग अंधविश्वास में ऐसे काम कर जाते हैं जो शायद जानवर भी न करें. हैवानियत की एक ऐसी ही कहानी जो इंडोनेशिया के एक सीरियल किलर की है. एक शख्स ने 42 जवान लड़कियों और महिलाओं को अंधविश्वास की वजह से बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया था. आखिर क्यों ये शख्स मारता था लड़कियों को…
डेली स्टार की रिपोर्ट के अनुसार अहमद सुरदजी नाम के सीरियल किलर ने सारी हत्याएं वर्ष 1986 से लेकर वर्ष 1997 के बीच में की थीं. 14 वर्ष पहले 10 जून 2008 को उसे फांसी की सजा दी गई थी। उस दौरान उसने अपना गुनाह भी स्वीकार किया था। उसने कहा कि अब तक वह महिला और लड़कियों को मिलाकर 42 मर्डर कर चुका है. जिसमें 11 नाबालिग लड़कियां भी शामिल हैं. जब सजा दी गई थी तब उसकी उम्र 59 साल थी।
गिरफ्तारी के बाद सुरदजी ने कहा था कि एक दिन उसके पिता की आत्मा उसके सपने में आई थी. उसने बताया कि अगर वह 70 महिलाओं के लार को पीएगा तो वह शक्तिशाली तांत्रिक बन सकता है. इसके बाद वह अपना काम करना सुरु कर दिया. सुरदजी ने कहा कि पिता की आत्मा ने किसी भी महिला को मारने की राय नहीं दी थी लेकिन उसे ऐसा लगा कि अगर वह इस तरह लार का इंतजार करेगा तो जरूरी नहीं कि हर महिला उसे लार दें और इस स्थिति में 70 महिलाओं की लार पीने में पूरी उम्र लग जाएगी. इसी वजह से वह महिलाओं की हत्या कर उनकी लार पीने लगा।
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