नई दिल्ली: ब्रिटेन में रह रही भारतीय मूल की एक 12 साल की लड़की के दिमाग को अलबर्ट आइंस्टीन और स्टीफन हॉकिंग के दिमांग से भी तेज बताया गया है. इस लड़की का नाम राजगौरी पवार है जो पिछले महीने मैनचेस्टर के ब्रिटिशर मेन्सा आइक्यू टेस्ट में शामिल हुई थी.
इस टेस्ट में पवार ने 162 अंक हासिल कर इतिहास रच दिया. ऐसा इसलिए क्योंकि अभी तक 18 साल से कम उम्र का कोई लड़का या लड़की पहले कभी 162 अंकों का स्कोर नहीं किया है. जिसके बाद मेन्सा आईक्यू में शामिल करने के लिए पवार को आमत्रित किया गया है. पवार ने अलबर्ट आइंस्टीन और स्टीफन हॉकिंग से 2 नंबर अधिक स्कोर हासिल की है.
इस सफलता के बाद मेन्सा ने बयान जारी कर कहा कि भारतीय मूल की यह लड़की विलक्षण बुद्धिमत्ता की है. पूरे विश्व में ऐसे केवल 20 हजार लोग ही इतना अधिक स्कोर करने में सफल हुए हैं. इससे पहले भारतीय मूल के कई सारे छात्र इस टेस्ट में शामिल होकर भारत का नाम रौशन कर चुके हैं. विश्व के 100 देशों में मेन्सा के करीब सवा लाख सदस्य हैं, साथ में कई देशों में मेन्सा के कई संगठन भी हैं.
क्या होता मेन्सा टेस्ट
मेन्सा की सदस्यता उन्हीं को मिलती है जो इसके तय इंटेलिजेंस टेस्ट में उच्च दो फिसदी का स्कोर हासिल कर पाते हैं, इस टेस्ट में कुल 105 प्रश्न दिए जाते हैं. जानकारी के अनुसार कई देशों में मेन टेस्ट से पहले प्री टेस्ट होता, इसमें सफल होने के बाद ही आपको मेन टेस्ट में बैठने का मौका मिलेगा. मेन्सा की स्थापना 1946 में इंग्लैंड में बैरिस्टर रोलैंड बेरिल और वैज्ञानिक डॉ लैंस वेयर द्वारा की गई थी.