नई दिल्ली : आज से ठीक छह साल पहले साल 2011 में आतंक के सबसे बड़े सरगना ओसामा बिन लादेन की मौत हुई थी. जिसके नाम से ही दुनिया कांप जाती थी उसे मौत के घाट उतारने के लिए अमेरिका ने काफी बड़ा ऑपरेशन किया था.
अमेरिका की ओर से किए गए ऑपरेशन में करीब 23 23 सदस्य शामिल थे. इस टीम में शामिल पूर्व नेवी सील कमांडो रॉबर्ट ओ’ नील ने अपनी किताब ‘द ऑपरेटर: फायरिंग द शॉट्स दैट किल्ड बिन लादेन’ में लादेन की मौत से जुड़ा हुआ काफी अहम खुलासा किया है.
ओ’ नील का दावा है कि उन्होंने ही लादेन की खोपड़ी में तीन गोलियां मारी थीं, जिसके बाद लादेन के सिर के चिथड़े मच गए थे. उनका कहना है कि खोपड़ी में तीन गोलियां लगने की वजह से लादेन के सिर के चिथड़े मच गए थे, ऐसे में उसकी पहचान करने के लिए उसके सिर के टुकड़ों को जोड़ना पड़ा था.
रिपोर्ट्स के मुताबिक नील का कहना है, ‘जब मैं दाईं तरफ घूमा और उससे लगे हुए एक कमरे में देखा तब ओसामा बिन लादेन कमरे में पलंग के पास खड़ा हुआ था, वह उससे कहीं ज्यादा लंबा और दुबला पतला था जितना मैंने सोचा था. उसकी दाढ़ी काफी छोटी थी और बाल सफेद थे. उसके पास एक औरत भी खड़ी थी. लादेन के हाथ उस औरत के कंधे पर रखे हुए थे. एक सेकेंड से भी कम के समय में मैंने औरत के दाहिने कंधे के ऊपर से बंदूक तानी और दो बार फायरिंग कर दी. लादेन का सिर फट गया और वह गिर गया, मैंने एक और गोली उसके सिर पर दे मारी.’
बता दें कि छह साल पहले 2 मई 2011 की रात पाकिस्तान के एबटाबाद की एक इमारत में लादेन को मौत के घाट उतारा गया था. लादेन के खात्मे के लिए किए गए ऑपरेशन में अमेरिकी नेवी के सील कमांडो की 6 सदस्यों वाली टीम शामिल थी, बाकी के कमांडो उनकी सहायता के लिए थे.