नई दिल्ली: भारत के बंटवारे के जिम्मेदार माने जाने वाले जिन्ना के राजनीतिक जीवन के साथ व्यक्तिगत जीवन भी काफी दिलचस्प है। जिन्ना ने अपनी मोहब्बत को कामयाब बनाने के लिए अपनी दोस्ती को भी कुर्बान कर दी थी।
जिन्ना और उनकी पत्नी रति की प्रेम कहानी और उनके वैवाहिक जीवन से जुड़े किस्सों का जिक्र मशहूर लेखिका शीला रेड्डी ने अपनी किताब ‘मिस्टर एंड मिसेज जिन्ना: द मैरिज दैट शुक इंडिया’ में किया है। इस प्रेम कहानी के कई अनसुने किस्से हैं जिन्होंने अपने समय में सुर्खियां बटोरीं और पूरे देश में हलचल मचा दी थी। आज हम आपको उनकी चौंका देने वाली प्रेम कहानी के बारे में बताने जा रहे हैं।
जिन्ना ने जिस पारसी लड़की रति पेतित से शादी की वो उनके पारसी दोस्त और मुंबई के सबसे रईस लोगों में शुमार दिनशॉ पेतित की बेटी थी। चंद मुलाकातों के बाद ही 40 साल के जिन्ना को 16 साल की रति से प्यार हो गया था। जिन्ना की शख्सियत पर रति भी उन्हें दिल दे बैठी थीं।
जिन्ना ने जब अपने दोस्त के सामने रति से मोहब्बत का इजहार किया तो उनके दोस्त आग बबूला हो गए और उन्होंने दोनों के मिलने पर रोक लगा दी। हालांकि, इसके बाद जिन्ना और रती ने कोई प्रतिरोध नहीं किया और चुपचाप सही समय का इंतजार किया।
जिन्ना की दो मजबूरियां थीं। पहली, वकालत में सफल करियर के बाद वे राजनीति की ऊंचाइयों पर तेजी से चढ़ रहे थे। दूसरी, कानून के मुताबिक, उस समय रति बालिग नहीं थीं, उनकी उम्र दो साल कम थी। दो साल बाद सही समय आया और फरवरी 1918 में रति बालिग होते ही अपने पिता का घर छोड़कर चली गई और दो महीने बाद ही इस्लाम धर्म अपनाकर जिन्ना से शादी कर ली। इस अनोखी शादी ने उस समय के रूढ़िवादी समाज में तूफान खड़ा कर दिया था। जब उनकी शादी हुई, तब जिन्ना 42 साल के थे और रति सिर्फ 18 साल की थीं।
जिंदगी की इसी कशमकश के बीच 29 साल की उम्र में रति की मौत हो गई। बताया जाता है कि रति की कब्र पर मिट्टी डालते वक्त 50 साल के हो चुके जिन्ना फूट फूटकर रोए।
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