नई दिल्ली: लंबे समय से ये बहस चली आ रही है कि धरती के अलावा ब्रह्माण्ड में जीवन संभव है या नहीं. मगर अब लगता है कि इस बहस पर विराम लग सकता है. क्योंकि अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने दावा किया है कि अनंत ब्रह्माण्ड में जीवन हो सकता है.
दरअसल, नासा ने पहली बार इस बात की पुष्टि की है कि धरती के ही सोलर सिस्टम में शनि ग्रह के चंद्रमा एनसेलडस पर जीवन संभव हो सकता है.
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बताया जा रहा है कि शनि ग्रह को लेकर नासा के नये जांच में पाया गया है कि बर्फ से ढके एनसेलडस पर एक दरार के अंदर पानी जैसी चीज देखने को मिली है. इसके अलावा, नासा के जांच में यह पाया गया है कि दरार के अंदर दिख रहा पानी असल में 98 फीसदी पानी ही है और बाकी दो फीसदी में हाईड्रोजन, कार्बन डाइऑक्साइड और मिथेन आदि हैं.
इस अभियान में जांच करने वाली हंटर वेट ऑफ द साउथवेस्ट रिसर्च इंस्टिट्यूट के मुताबिक, यह केक पर बर्फ जमने जैसा है. इंस्टिट्यूट ने ये भी कहा है कि ऊर्जा के उस स्रोत को देखा जा सकता है, जिन्हें सूक्ष्म जीव इस्तेमाल करते हैं. फॉसफरस और सल्फर नहीं देखे गये हैं और ऐसा संभवतः इसलिए क्योंकि वे काफी छोटी मात्राओं में थे. इसलिए उन्हें वापस चेक कर जीवन के संकेतों को खोजना होगा.
जांच में उपलब्ध आंकड़ों के आधार पर नासा का मानना है कि बैक्टीरिया जैसा साधारण जीवन एनसेलडस के समंदर की सतह पर संभव है.
नासा के मुताबिक, अगर कुछ मिलता है तो वे जीवन की खोज को लेकर उत्साहित हैं. शनि के एक चंद्रमा पर जीवन के होने के लिए केमिकल एनर्जी की पुष्टि होना दूसरी दुनिया की हमारी खोज में एक बड़ा मील का पत्थर है.
हालांकि, माना जा रहा है कि एनसेलडस का आकार काफी छोटा है. यह धरती के चंद्रमा के मात्र 15 प्रतिशत जितना बड़ा है.