न्यूयॉर्क : अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक ऐसे कानून को रद्द करने के आदेश दिए हैं जो कार्यस्थल पर महिला कर्मचारियों के यौन शोषण के खिलाफ बनाया गया था. माना जा रहा है कि इसके बाद ऐसे मामलों में आरोपी बड़ी आसानी से बचकर निकल जाएगा. डोनाल्ड ट्रंप ने इस कानूनों को रद्द करने वाले कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर कर दिए हैं.
अब अमेरिका में पुरुष कर्मचारी महिला कर्मचारियों का यौन उत्पीड़न कर आसानी से बचकर निकल सकेंगे और वह किसी कानूनी पेंच में भी नहीं फसंगे. नेशनल वोमेन्स लॉ सेंटर की डायरेक्टर माया रघु के मुताबिक ट्रंप के इस कदम से यौन उत्पीड़न मामले में निजी अटॉर्नी के माध्यम से महिलाओं पर दबाव डालकर मसले को आसानी से रफा-दफा किए जा सकेंगे.
ओबामा ने ‘फेयर पे एंड सेफ वर्क प्लेस’ नाम का आदेश 2014 में साइन किया था जो मानवाधिकार और श्रम कानून को बेहतर बनाने के लिए था. इसमें प्रावधान किया गया था कि कंपनियां श्रम एवं नागरिक अधिकार कानून के तहत महिला कर्मचारियों की कार्यस्थल पर सुरक्षा सुनिश्चित करेंगी. अमेरिका की एक कानूनी संस्था के वकील ने मीडिया को बताया कि अभी तक लोगों के पास एक ऐसा आदेश था जो कंपनियों को समान वेतन देने के लिए मजबूर करता था. लेकिन इस आदेश को रद्द करना नियमों से छेड़छाड़ करना है.
बता दें कि पुराने कानून के तहत वेतन पारदर्शिता के लिएत छोटी बड़ी हर कंपनी को कर्मचारियों को वेतन की पे स्लिप और वेतन की दर बताना अनिवार्य था. इस नियम के अनुसार, कंपनियां ज्यादा घंटे काम नहीं करा सकती थीं या फिर उन्हें घंटों के हिसाब से वेतन भी देना होता था. और यही वे कुछ नियम थे जिनके दम पर महिलाओं को पुरुष सहकर्मियों के बराबर वेतन मिल पाता था.