बीजिंग : चीन का कहना है कि चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर प्रोजेक्ट के कारण कश्मीर मुद्दे पर उसके रुख में कोई बदलाव नहीं आएगा. बता दें ब्रिटिश संसद में एक बिल पेश किया गया है जिसमें पाकिस्तान द्वारा गिलगित-बाल्टिस्तान को अपना 5वां राज्य घोषित करने पर चिंता जताई गई थी. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि सीपीईसी शी जिनपिंग का ड्रीम प्रोजेक्ट है.
चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह भारत और पाकिस्तान के बीच का मुद्दा है, इसका संबंधित पक्षों द्वारा बातचीत और विचार-विमर्श के जरिए उचित ढंग से समाधान होना चाहिए. जबकि ब्रिटिश संसद में पेश प्रस्ताव में कहा गया है कि गिलगित-बाल्टिस्तान पर पाकिस्तान ने 1947 से अवैध कब्जा कर रखा है. वह इस विवादित क्षेत्र का अपने साथ विलय करने का प्रयास कर रहा है.
बता दें कि कुछ दिनों पहले ब्रिटेन के हाउस ऑफ कॉमन्स में कंजर्वेटिव पार्टी के सांसद बॉब ब्लैकमेन ने एक बिल पेश किया था. बॉब कश्मीरी पंडितों के समर्थक माने जाते हैं. बिल में कहा गया कि पाकिस्तान ने 1947 से गिलगित-बाल्टिस्तान पर अवैध कब्जा किया हुआ है.
विदेशी-आर्थिक मामलों के जानकारों का मानना है कि इस सीपीईसी से चीन तक कच्चे तेल की पहुंच आसान हो जाएगी. चीन आयात होने वाला यह तेल मलक्का की खाड़ी से शंघाई पहुंचता है. यह करीब 16 हजार कि.मी. का रास्ता है, लेकिन सीपेक से यह दूरी 5 हजार कि.मी. घट जाएगी.