दुबई: संयुक्त अरब अमीरात में एक पाकिस्तानी नागरिक की हत्या के मामले में दस भारतीय नागरिक फांसी की सजा से बच सकते हैं. दरअसल मृतक का परिवार 200,000 दिरहम की ब्लडमनी लेकर दोषियों को मांफ करने पर राजी हो गया है. दुबई में भारतीय दूतावास के एक वरिष्ठ अधिकारी ने एक स्थानीय न्यूज चैनल से बात करते हुए इस बात की जानकारी दी है.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक रियाज ने कहा कि 10 लोगों की जिंदगी, जिसमें बीवी बच्चे और अन्य शामिल होते हैं, वह एक शख्स की जिंदगी पर टिकी होती है. मैं आज की युवा पीढ़ी से अनुरोध करता हूं कि किसी भी तरह की लड़ाई में न फंसें. ब्लड मनी एक चैरिटेबल ट्रस्ट चलाने वाले और दुबई के बिजनेसमैन एसपी सिंह ओबरॉय द्वारा दी जाएगी.
क्या होती है ब्लड मनी?
इस्लामिक कानून के मुताबिक जिस परिवार के पुरूष की हत्या होती है उसका परिवार ब्लड मनी लेकर दोषी को माफ कर सकता है और फांसी की सजा से बचा सकता है. ब्लड मनी यूएई में रह रहे पुरुषों को दी जाती है, चाहे वे किसी भी मजहब या देश के हों. इसकी राशि होती है 2 लाख दिरहम. महिलाओं के लिए यह राशि इसकी आधी होती है.
मामला दिसंबर 2015 का है जहां अल ऐन में शराब की अवैध ब्रिकी को लेकर हुई लड़ाई में कथित तौर पर यह हत्या हुई थी. पंजाब के 11 व्यक्तियों को मामले में दोषी ठहराया गया था लेकिन एक मौत की सजा से बच गया था.