बीजिंग : बिहार के नालंदा में आयोजित हुए तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय बौद्ध सम्मेलन में तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा के शामिल होने से चीन ने आपत्ति जताई है. चीन ने इसका कड़ा विरोध करते हुए भारत के प्रति नाराजगी व्यक्त की है.
चीन का कहना है कि भारत को चीन के साथ द्विपक्षीय रिश्तों में कड़वाहट लाने से बचना चाहिए. चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हु चनयिंग ने कहा, ‘भारत ने चीन की चिंताओं को नजरअंदाज करते हुए अंतरराष्ट्रीय बौद्ध सम्मेलन में 14वें दलाई लामा को आमंत्रित किया. चीन इसका पुरजोर विरोध करता है.’
उन्होंने कहा कि भारत को दलाई लामा समूह के चीन विरोधी स्वभाव को समझना चाहिए, भारत और चीन के बीच के रिश्तों में कड़वाहट पैदा करने और बाधित या कमजोर करने से बचना चाहिए.
बता दें कि नालंदा में 17 मार्च से तीन दिवसीय अतंरराष्ट्रीय बौद्ध सम्मेलन का आयोजन किया गया था, इसमें तिब्बती धर्मगुरु समेत राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी भी शामिल हुए थे. इसके साथ ही करीब 35 देशों के बौद्ध विद्वानों ने भी इसमें शिरकत की थी.
इससे पहले भी चीन ने दलाई लामा की अरुणाचल यात्रा को लेकर नाराजगी जताई थी. चीन की नाराजगी के बाद भी भारत ने दलाई लामा की इस यात्रा को अनुमति दे दी थी. सरकार ने साफ कहा था कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है और उन्हें देश के किसी भी हिस्से में जाने से रोका नहीं जा सकता.