नई दिल्ली : यूरोपीय अदालत ने कंपनियों को महिला कर्मचारियों को हिजाब पहनने से रोकने की पूरी छूट दे दी है. अगर महिला कर्मचारी ऐसा नहीं करतीं तो उन्हें नौकरी से भी निकाला जा सकता है.
यूरोपियन कोर्ट आॅफ जस्टिस ने मंगलवार को फैसला सुनाया है कि यूरोप में कंपनियां ऐसे कर्मचारियों को अपने यहां काम करने से रोक सकती हैं, जो धर्म से जुड़े किसी भी संकेत को इस तरह पहनकर आते हैं कि वो साफ तौर पर दिखे.
महिलाओं ने लगाई थी याचिका
हिजाब पहनकर आॅफिस आने वाली महला कर्मचारियों से जुड़े मामले पर अदालत ने यह पहला फैसला दिया है. यह फैसला फ्रांस और बल्जियम की उन दो महिलाओं के मामले में संयुक्त रूप से दिया गया है जिसमें हिजाब उतारने से इनकार करने पर कंपनी ने महिलाओं को नौकरी से निकाल दिया था.
याचिकाकर्ता महिलाओं ने दलील दी थी कि हिजाब पहनने पर प्रतिबंध धार्मिक स्वतंत्रता का हनन है. हालांकि, अदालत ने याचिका को खारिज करते हुए कंपनियों के हिजाब पहनने संबंधी रोक को सही ठहराया.
अदालत ने अपने फैसला में कहा कि किसी कंपनी का अंदरूनी नियम जो किसी भी राजनीतिक, दार्शनिक और धार्मिक संकेत को पहनने से रोकता है, उसे सीधा भेदभाव नहीं माना जा सकता. हालांकि, अदालत ने यह भी कहा कि किसी ग्राहक की इच्छा पर कंपनी ऐसे फैसले नहीं कर सकती.