नई दिल्ली: साल 2007 में अजमेर दरगाह बम विस्फोट मामले में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के नेता स्वामी असीमानंद के बरी होने पर पाकिस्तान ने गहरी चिंता जताई है. पाकिस्तानी सरकार ने भारत के उप उच्चायुक्त के सामने इस सिलसिले में अपने बात रखी. डॉन न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान ने शुक्रवार रात को जे.पी. सिंह को तलब किया था.
रिपोर्ट के मुताबिक पाक विदेश मंत्रालय ने कहा है कि फरवरी 2007 में हुए समझौता एक्सप्रेस आतंकवादी हमले में 42 पाकिस्तानी नागरिकों ने अपनी जान गंवा दी थी. खुद स्वामी असीमानंद ने माना था कि वह हमले के ‘मास्टरमाइंड’ थे. उन्होंने हमले में अपने साथी के तौर पर भारतीय सेना के अधिकारी कर्नल पुरोहित की भी पहचान की थी, जो आतंकवादी संगठन अभिनव भारत के प्रमुख थे.
पाकिस्तान सरकार ने कहा है कि हमें उम्मीद है कि हमले के गंदे कृत्य में शिकार सभी लोगों को न्याय दिलाने के लिए भारत कदम उठाएगा. बता दें कि एनआई की विशेष अदालत ने अजमेर बम विस्फोट कांड में असीमानंद समेत सात आरोपियों को बरी कर दिया, जबकि तीन आरोपियों को इस मामले में दोषी पाया था. हालांकि अभी तक सजा का ऐलान नहीं हुआ है. अजमेर स्थित सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह परिसर में 11 अक्टूबर 2007 को हुए बम विस्फोट मामले में स्वामी असीमानंद को संदेह का लाभ मिलने की बात सामने आई थी.
कौन हैं स्वामी असीमानंद
स्वामी असीनंद का जन्म पश्चिम बंगाल में हुआ था. उनका नाम नाबा कुमार सरकार है. उनके पिता बिभूति भूषण सरकार स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे. छात्र जीवन से असीमानंद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से प्रभावित हो गए. 1977 में मास्टर्स करने के बाद वह आरएसएस के प्रचारक बन गए और संघ के वनवासी कल्याण आश्रम कार्यक्रम से जुड़ गए. असीमानंद नाम उनके गुरु ने रखा था.