कपूरथला : विदेश जाने का सपना हर कोई देखता है लेकिन कपूरथला के एक युवक को ये सपना देखना काफी मंहगा पड़ गया की अब उसके शव को उसका परिवार वापस भारत लाने के लिए दर-दर की ठोकरे खा रहा है.
करीब 12 साल पूर्व कपूरथला के गांव शेरोवाल ब्लॉक तलवंडी से राजनप्रीत रोजी-रोटी कमाने की तलाश में स्पेन की राजधानी मेडरीड गया जहां कुछ साल तक कमाने के बाद उसने अपने माता-पिता को भी बुला लिया था. 12 नवंबर 2016 को जैसे ही वह अपने रेस्टोरेंट से पिज्जा डिलीवर करने के लिए अपनी बाइक पर निकला बीच रास्ते में उसका एक कार से एक्सिडेंट हो गया.
इस हादसे में केवल उसके हाथ की एक ही हड्डी टूटी लकिन राजनप्रीत का परिवार इस बात से अंजान था की जिस अस्पताल से उनके बेटे का इलाज चल रहा था वहां की एक लापरवाही से उनके बेटे की जिंदगी चली जाएगी. परिवारिक सूत्रों ने बताया की हादसे के बाद राजनप्रीत को टांके लगाने के बाद घर भेज दिया गया, डॉक्टरों ने 15 दिन बाद उसके टांके भी खोल दिए थे लेकिन जाने क्या हुआ की इलाज के बाद वापिस आते वकत रास्ते में ही उसती मौत हो गई.
राजनप्रीत की मौत के बाद जैसे ही ये मामला स्पेन की एक अदालत में पहुंचा कुछ कानूनी बाधाओं के चलते बेटे का शव उसके परिवार को नहीं सौंपा जा रहा है. गुरुद्वारा नानकसर मेडरीड़ के लोगो ने भारत सरकार से अपील की है वह इस मामले में राजनप्रीत के परिवार वालों की मदद करें ताकि वह अपने बेटे के शव को अंतिम संस्कार के लिए भारत ला सकें.
गुरुद्वारा नानकसर मेडरीड़ के लोगो ने भारत सरकार से अपील की है वह इस मामले में राजनप्रीत के परिवार वालों की मदद करें ताकि वह अपने बेटे के शव को अंतिम संस्कार के लिए भारत ला सकें.