बलोच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने दावा किया है कि उसने बलूचिस्तान में 'ऑपरेशन दारा-ए-बलोन' चलाकर 354 पाकिस्तानी सैनिकों को मार गिराया है. बीएलए ने अपने बयान में कहा कि 'ऑपरेशन दारा-ए-बलोन' 29 से 31 जनवरी 2024 तक चला जिसमें 385 बलोच लड़ाकों ने हिस्सा लिया.
Baloch Liberation Army: बलोच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने दावा किया है कि उसने बलूचिस्तान में ‘ऑपरेशन दारा-ए-बलोन’ चलाकर 354 पाकिस्तानी सैनिकों को मार गिराया है. संगठन ने इसे पाकिस्तानी सेना के कथित अत्याचारों के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करार दिया है. बीएलए के मुताबिक यह ऑपरेशन बलूचिस्तान के इतिहास का सबसे बड़ा हमला है जिसमें ट्रेन हाईजैकिंग से लेकर कई सैन्य ठिकानों पर हमले शामिल हैं. हालांकि पाकिस्तान सरकार ने अभी तक इस दावे पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है.
बीएलए ने अपने बयान में कहा कि ‘ऑपरेशन दारा-ए-बलोन’ 29 से 31 जनवरी 2024 तक चला जिसमें 385 बलोच लड़ाकों ने हिस्सा लिया. इनमें 12 फिदायीन (स्वयं बलिदान देने वाले) शामिल थे जो मजिद ब्रिगेड, फतेह स्क्वाड और स्पेशल टैक्टिकल ऑपरेशंस स्क्वाड से थे. संगठन का दावा है कि इस ऑपरेशन में बोलन के मच शहर और एनएच-65 हाईवे सहित 70 किलोमीटर के दायरे पर दो दिनों तक कब्जा रखा गया. बीएलए ने इसे पाकिस्तानी कब्जे के खिलाफ एक बड़ी सफलता बताया है.
बलोच लड़ाकों का कहना है कि इस ऑपरेशन का मकसद दुनिया को यह दिखाना था कि वे अपने संसाधनों से इतना बड़ा हमला कर सकते हैं. बीएलए ने कहा ‘हमारा क्षेत्र जबरन कब्जे में है. लोग रोज गायब हो रहे हैं सेना अपहरण कर रही है. इसी के खिलाफ हमने यह कदम उठाया.’
बीएलए ने दावा किया कि ऑपरेशन में 354 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए. संगठन के मुताबिक मरने वालों में विभिन्न सैन्य इकाइयों के जवान शामिल थे. जिसमें 41वीं डिवीजन से 45 जवान, 17वीं पीओके रेजिमेंट से 56 जवान, ईएमई सेंटर से 47 जवान, 25वीं बलोच रेजिमेंट से 15 जवान, 6वीं आर्मर्ड रेजिमेंट से 26 जवान और इन्फैंट्री स्कूल से 25 जवान. बलोच लड़ाकों ने यह भी कहा कि पहले तीन घंटों में ही 45 सैनिक मारे गए थे.
बलूचिस्तान पोस्ट के अनुसार ऑपरेशन के तहत बीएलए ने जफर एक्सप्रेस ट्रेन को हाईजैक किया और सैनिकों को निशाना बनाया. संगठन ने दावा किया कि ट्रेन में सवार 214 सैन्य बंधकों को मार दिया गया क्योंकि पाकिस्तान ने 48 घंटे की समय सीमा में बलोच राजनीतिक कैदियों को रिहा करने की उनकी मांग पूरी नहीं की. इसके अलावा कई सैन्य ठिकानों पर हमले किए गए. जिसमें पुलिस और लेवी बल के कर्मियों को भी निशाना बनाया गया.
पाकिस्तान ने ट्रेन हाईजैकिंग के लिए अफगानिस्तान और भारत को जिम्मेदार ठहराया था. जवाब में बीएलए ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा ‘पाकिस्तान खुद आतंकियों को पाल रहा है. दाऊद और हाफिज जैसे लोग वहां बैठे हैं. हमारे पास जनसमर्थन है जिसके दम पर हम लड़ रहे हैं.’ संगठन ने अफगानिस्तान से पुराने संबंधों का जिक्र करते हुए कहा कि अगर अफगानिस्तान समर्थन देता है तो इसमें कुछ गलत नहीं है.
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