वॉशिंगटन : अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शरणार्थी नीति में बदलाव करने से फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने उनकी आलोचना की है.
फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रवासियों को कम करने के फैसले से खासा नाराज हैं. उन्होंने ट्रंप के फैसले का विरोध करते हुए कहा है कि अमेरिका प्रवासियों का देश है और इस पर गर्व होना चाहिए.
जुकरबर्ग ने फेसबुक पर ट्रंप से निवेदन किया है कि उन्हें प्रवासियों के लिए अमेरिका के दरवाजे बंद नहीं करना चाहिए. उन्होंने लिखा है, ‘मेरे पूर्वज खुद जर्मनी, ऑस्ट्रिया और पॉलेंड से आए हैं, अमेरिका प्रवासियों का देश है और हमें इस पर गर्व होना चाहिए.’
उन्होंने कहा है कि अमेरिका को सुरक्षित रखना जरूरी है, लेकिन इसके लिए उन लोगों के खिलाफ कदम उठाने चाहिए जो सच में देश के लिए खतरा हैं. जुकरबर्ग ने कहा कि हमें शरणार्थियों के लिए अमेरिका के दरवाजे खुले रखने चाहिए और उनकी मदद करना चाहिए.
बता दें कि राष्ट्रपति बनने के साथ ही ट्रंप ने इस्लामिक आतंकवाद पर कार्रवाई को लेकर अपना रुख साफ कर दिया है. ट्रंप ने एक ऑर्डर साइन किया है जिसके बाद इराक, ईरान, सीरिया, सूडान, लीबिया, सोमालिया और यमन जैसे 7 मुस्लिम देशों के नागरिकों की अमेरिका में एंट्री बैन हो जाएगी. साथ ही इस्लामिक देशों से अमेरिका आने वाले शरणार्थियों के आगमन पर भी लगाम लगेगी.
ट्रंप के इस फैसले पर केवल जुकरबर्ग ही नहीं बल्कि सबसे कम उम्र की नोबल विजेता मलाला यूसुफजई भी दुखी हैं. उन्होंने कहा कि ट्रंप के इस फैसले से उनका दिल टूट गया है. उन्होंने इसपर दुख जताया है. मलाला ने ट्रंप से अनुरोध किया है कि वे दुनिया के सबसे असुरक्षित लोगों को अकेला न छोड़ें.