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राष्ट्रपति बनने के बाद व्यापारिक हितों के टकराव से कैसे बच पाएंगे ट्रंप?

न्यूयॉर्क: अमेरिका के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप आज अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ लेंगे. 14 जून 1946 को अमेरिका में जन्मे रिपब्लिकन पार्टी के नेता ट्रंप बराक ओबामा की जगह लेंगे.
अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस जॉन रॉबर्ट्स ट्रम्प को राष्ट्रपति पद की शपथ दिलाएंगे. ‘द न्यूयॉर्क टाइम्स’ के मुताबिक, ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह का बजट करीब 1263 करोड़ रुपए आंका जा रहा है. अमेरिका कैपिटोल के वेस्ट लॉन में यह कार्यक्रम होगा.
ट्रंप भारतीय समयानुसार रात 10.30 बजे राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे. रियल एस्टेट और एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री के किंग माने जाने वाले ट्रंप आज से अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति होंगे. ट्रंप एलान कर चुके हैं कि राष्ट्रपति बनने के बाद वो अपने तमाम कारोबारों से दूर रहेंगे और उनके बेटे उनका बिजनेस संभालेंगे.
लेकिन इस बीच अमेरिकी नैतिक जानकारों का मानना है कि दुनियाभर में फैले ट्रंप अंपायर को देखते हुए ऐसा नहीं लगता कि राष्ट्रपति बनने के हितों के टकराव का मामला खत्म हो जाएगा. ट्रंप का हर कारोबार राजनीतिक हितों से जुड़ा हुआ है.
मई 2016 में ट्रंप द्वारा घोषित किए गए वित्तीय लेन-देन की अधिसूचना में ट्रंप ने माना था कि दुनियाभर में उनका कारोबार फैला हुआ है. ट्रंप के मुताबिक वो 500 से ज्यादा बिजनेस चलाते हैं जिसमें होटल, टावर, गोल्फ कोर्स और देशी-विदेशी लाइसेंस डील शामिल है. ऐसे में ट्रंप के बिजनेस इंट्रेस्ट पर सवाल खड़े हो सकते हैं.
पार्टनरशिप वाले बिजनेस
न्यूयॉर्क में मौजूद ट्रंप टावर का पांचवा एवेन्यू टावर कमर्शियल लिमिटेड का है जिसके तीन मालिक हैं. इस पूरे प्रोजेक्ट के मालिक डोनाल्ड ट्रंप हैं. ऐसे कई कारोबार हैं जिनमें कई कंपनियों का निवेश हैं. ऐसे में इन कंपनियों की ग्रोथ रेट या नफा-नुकसान सवालों के घेरे में रहेंगे.
पोस्ट ऑफिस मामला
एथिक्स एक्सपर्ट ने एक और उदाहरण दिया है. वाशिंगटन में एक पुराने पोस्ट ऑफिस जिसे ट्रंप की कंपनी ने शानदार होटल बना दिया है, उस कंपनी पर हितों का टकराव हो सकता है. ट्रंप ने ये बिल्डिंग अमेरिकी सरकार से लीज पर ली थी.
लेकिन सरकार के इस लीज से कोई फायदा नहीं हुआ. सरकार के जनरल सर्विस विभाग का कहना है कि लीज बढ़ाने के मामले पर वो विचार कर रहे हैं. ऐसे में राष्ट्रपति बनने के बाद इस तरह के मामलों से ट्रंप खुद को कैसे रोक पाते हैं और अपने ऊपर लगने वाले हितों के टकराव के मामलों से वो कैसे निपटते हैं ये देखने वाली बात होगी.
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