पंजाब. पूरी दुनिया में बुरी तरह से बिगड़ छवि से परेशान अब पाकिस्तान और उसके नेताओं को अल्पसंख्यकों खासकर हिंदुओं की याद आई है.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने ने बुधवार को पंजाब प्रांत में स्थित हिंदुओं के प्राचीन मंदिर के कटसराज के जीर्णोद्धार के काम का उद्घाटन किया है.
नवाज शरीफ का खुद जाकर मंदिर के उद्घाटन के पीछे अल्पसंख्यकों खासकर हिंदुओं को लेकर पाकिस्तान की बन रही छवि भी माना जा रहा है. दरअसल पाकिस्तान सरकार यह संदेश देना चाहती है कि उसके देश में अल्पसंख्यकों की भावनाओं का सम्मान है.
हाल ही में पाकिस्तान सरकार की ओर से अल्पसंख्यकों और महिलाओं के पक्ष में कुछ कानून भी बनाए हैं जिनका वहां के कट्टरपंथी संगठनों ने विरोध भी किया है. नवाज शरीफ 900 साल पुराने हिंदुओं के मंदिर में ऐसे समय गए हैं जब भारत-पाक के संबंध इस समय काफी तनाव में हैं.
मंदिर में हिंदू रीति-रिवाज से पूजा करने के बाद मीडिया से बातचीत में नवाज शरीफ ने कहा कि मुस्लिम, हिंदू, सिख और क्रिश्चयन हमारे लिए समान हैं. हम सब एक हैं. कई धार्मिक नेताओं की मौजूदगी में शरीफ ने मुस्लिम कट्टरपंथियों पर भी निशाना साधा.
वहीं पाकिस्तान के राजनीतिक विश्लेषकों कहना है कि पाक पीएम नवाज शरीफ का अचानाक हिंदू मंदिर में पहुंच जाना सिर्फ अल्पसंख्यकों को खुश करना है क्योंकि 2018 में आम चुनाव होने वाले हैं और वह इसकी तैयारी में जुट गए हैं. नवाज मंदिर जाकर हिंदुओं, लिबरन और शहरी वोटरों को अपने पक्ष में करना चाहते हैं.
आपको बता दें कि पाकिस्तान की कुल आबादी में तीन प्रतिशत ही है. लेकिन वह पूरा वोटबैंक एकमुश्त जाता है और पंजाब, सिंध की कई सीटों पर वह समीकरण बिगाड़ने की भी ताकत रखता है इस लिहाज से नवाज शरीफ अब ‘हिंदू कार्ड’ चलने की तैयारी में हैं
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