इस्लामाबाद : पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हिन्दुओं के लिए बहुप्रतीक्षित मैरिज एक्ट को सीनेट की एक समिति ने मंजूरी दे दी है. करीब चार महीने पहले इसे नेशनल असेंबली में पारित किया गया था. अब हिन्दू विवाह विधेयक 2016 संसद के उपरी सदन सीनेट में पारित होने के बाद कानून बन जाएगा.
एक पाकिस्तानी अखबार के अनुसार पिछले 66 वर्षों से पाक में रहने वाले अल्पसंख्यक हिंदुओं की शादी रजिस्टर्ड नहीं होती थी, इस कारण यह समुदाय असुरक्षित महसूस करता था. लेकिन हिन्दू मैरिज एक्ट के लागू हो जाने के बाद तलाक और जबरन धर्म परिवर्तन जैसे मामलों का समाधान भी अब आसानी से निकाला जा सकता है.
इस बिल के लागू हो जाने के बाद इस एक्ट के मुताबिक हिंदू शादी के 15 दिनों के भीतर इसका रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होगा. शादी के समय हिंदू जोड़े की उम्र 18 साल या उससे अधिक होनी चाहिए. पति की मृत्यु के छह महीने के बाद महिला को दोबारा शादी करने का पूरा अधिकार होगा. बिल का उल्लंघन करने पर छह माह की सजा और पांच हजार रुपए के जुर्माने का प्रावधान है.
बता दें कि मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट के सीनेटर नसरीन जलील के नेतृत्व में सीनेट समिति ने इस विधेयक पर चर्चा के बाद इसे मंजूरी दी. इसके प्रभावी होने के बाद हिंदू समुदाय के सदस्य अपनी शादी को पंजीकृत करा सकेंगे और शादी टूटने के मामलों में अदालत में अपील कर सकेंगे.