मॉस्को. अमेरिका के रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों से रुूस और अमेरिका के बीच तनाव बहुत अधिक बढ़ गया है. रूस ने इन प्रतिबंधों के खिलाफ प्रतिशोध का संकल्प जताया है. उसने अमेरिका पर आरोप लगाया है कि वह अमेरिकी चुनावों में रूस की संलिप्तता का गलत और निराधार आरोप लगाकर सबंधों को समाप्त करने की कोशिश कर रहा है.
बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव को हैकिंग के जरिए प्रभावित करने के मामले में राष्ट्रपति ओबामा ने रूस के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए उसपर कड़े प्रतिबंध लगा दिए हैं. कुछ ही दिन पहले एफबीआई और अमेरिकी इंटेलिजेंस एजेंसी ने कहा था कि रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमिर पुतिन के कहने पर जासूसी एजेंसी ने चुनावों से पहले हैकिंग कराई.
अमेरिका ने 35 रूसी अधिकारियों को देश छोड़ने का आदेश दिया है. इन सभी अधिकारियों को रूसी दूतावास और सैन फ्रांसिस्को स्थित वाणिज्य दूतावास से निकाल दिया गया है. इन अधिकारियों से कहा गया है कि वे 72 घंटे के भीतर अमेरिका छोड़ दें. ओबामा प्रशासन ने रूस की इंटेलिजेंस एजेंसियों को बैन कर दिया है.
राष्ट्रपति ओबामा पहले ही हैकिंग की जांच कराने की बात कह चुके हैं. दूसरी तरफ नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस के हैकिंग में शामिल होने की बात से साफ इनकार किया है. ओबामा प्रशासन के इस सख्त कदम से विश्व की दोनों सैन्य महाशक्तियों के बीच तनाव बढ गया है.
रूस का कहना है कि दोनो दोशों के बीच संबंध पहले से ही तनावपुर्ण थे और अमेरिका संबंधों को एकदम समाप्त कर देना चाहता है. उसने अमेरिका के दावों और आरोपों को खारिज किया है. रूस ने इसे अपने देश के खिलाफ आक्रामक कदम बताया है और कहा है इससे पता चलता है कि अमेरिका किस हद तक भ्रमित है.रूस ने कहा है कि अमेरिका को इस भड़काने वाले कदम पर रूस की प्रतिक्रिया के लिए तैयार रहना चाहिए.