इस्लामाबाद : भारत में नोटबंदी का फैसला होने के बाद अब पाकिस्तान भी उसी राह पर चल पड़ा है. काले धन से निपटने के लिए पाकिस्तान भी अब 5000 रुपये के नोटों को अमान्य करने जा रहा है. पाकिस्तानी संसद में पीएमएल के सीनेटर उस्मान सैफ उल्लाह खान ने इस लेकर एक प्रस्ताव रखा था, जिसे 19 दिसंबर को सीनेट ने बहुमत से पास कर दिया.
पाकिस्तान मुस्लिम लीग के प्रस्ताव में कहा गया है कि 5000 रुपये के नोटों को बंद करने से बैंक खातों का उपयोग बढ़ेगा और गैर दस्तावेजी अर्थव्यवस्था में कटौती होगी. इन नोटों को तीन से पांच सालों में बंद करने का सुझाव दिया गया है. हालांकि, पाकिस्तानी सरकार अभी इस लेकर पूरी तरह तैयार नहीं दिख रही है.
5000 के कुल 30 फीसदी नोट चलन में
पाकिस्तान के कानून मंत्री जाहिद हमीद का कहना है कि 5000 रुपये के नोट वापस लेने से बाजार में सकंट आ जाएगा. वहीं, लोग विदेशी मुद्रा का सहारा भी लेने लगेंगे. जाहिद हमीद ने बताया कि पाकिस्तान में इस वक्त बाजार में 3.4 ट्रिलियन नोट चलन में हैं और इनमें से 1.02 ट्रिलियन नोट सिर्फ 5000 रुपये के हैं. यह पूरी पाकिस्तानी करेंसी का 30 फीसदी है.
वहीं, ट्रांस्पेरेंसी इंटरनेशनल के आंकड़ों के मुताबिक 175 भ्रष्टाचारी देशों की सूची में पाकिस्तान 17वें स्थान पर है. ऐसे में 5000 रुपये के नोट बंद करने का फैसला भ्रष्टाचार के मामले में कितना सहायक हो सकता है, ये देखना होगा. बता दें कि आठ नवंबरी आधी रात से भारत सरकार ने 500 और 1000 रुपये के नोटों को अमान्य करार दे दिया था. सरकार का कहना था कि यह फैसला नकली नोटों के कारोबार और काले धन पर अकुंश लगाने के लिए लिया गया है.
अन्य देशों में भी नोटबंदी
भारत के अलावा कुछ अन्य देशों ने भी हाल ही में नोटबंदी का फैसला लिया है. वेनेजुएला में 100 बोलिवर का नोट बंद कर दिया गया था. हालांकि, वहां इस फैसले के बाद दंगा फसाद होने से सरकार को ये फैसला जनवरी तक के लिए टालना पड़ा. आॅस्ट्रेलिया की सरकार ने भी अपने यहां 100 डॉलर का नोट बंद करने का फैसला लिया है. उनके अनुसार यह फैसला काले धन से निपटने के लिए लिया गया है.