नई दिल्ली: भारत के बाद वेनेजुएला की सरकार ने भी भ्रष्टाचार से निपटने के लिए अपने देश की सबसे बड़ी मुद्रा 100 बोलिवर को बंद करने का ऐलान किया था.
लेकिन नोटबंदी से पैदा हुई स्थिति को देखते हुए राष्ट्रपति निकोलस मदूरो ने यह फैसला रद्द कर दिया है. राष्ट्रपति ने नोटबंदी विफल होने के पीछे विदेशी ताकतों का हाथ बताया.
राष्ट्रपति मदूरो ने 12 दिसंबर को देश की सबसे बड़ी करेंसी 100 बोलिवर को बैन कर दिया था. इसके बदले यहां की सरकार ने 500, 2000 और 20000 बोलिवर की नई करेंसी जारी की थी.
वेनेजुएला सरकार ने यह फैसला माफिया द्वारा करेंसी बोलिवर की होर्डिंग और देश में बढ़ती महंगाई को काबू करने के लिए लिया था. यहां के लोग एक हफ्ते तक नोटबंदी के चलते लोग बैंकों के बाहर लाइन में खड़े रहे.
नोटबंदी के पहले हफ्ते में ही बैंकों के बाहर लंबी-लंबी लाइनें लग गईं, हजारों दुकानों को लूट लिया गया और सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन होने लगे.
वेनेजुएला में 100 बोलिवर के बैंक नोट की कीमतों में पिछले कुछ सालों में बड़ी गिरावट देखी गई है और अब इसकी कीमत दो अमरीकी सेंट के बराबर रह गई है.
गंभीर आर्थिक और राजनीतिक संकट के कारण वेनेजुएला में महंगाई दर दुनिया में सबसे अधिक है. नोटबंदी की दिशा में कदम उठाते हुए वेनेज़ुएला सरकार ने अगले 72 घंटे के भीतर देश से बड़े मूल्य के पुराने नोटों की जगह सिक्कों को जारी करने का आदेश दिया था.