आज विश्व मानवाधिकार दिवस है, जानिए मानवाधिकारों से जुड़ी कुछ जरुरी बातें

आज विश्व मानवाधिकार दिवस है. दुनियाभर में इंसानों के अधिकारों को मजबूती देने के लिए हर साल 10 दिसंबर को विश्व मानवाधिकार दिवस मानाया जाता है. आज जब दुनियाभर में इंसानों के प्रति अत्याचार बढ़ रहे हैं . उनपर हो रहे अत्याचारों को खत्म करने के आवाज क मजबूती देने के लिए हर वर्ष यह दिवस मनाया जाता है.

Advertisement
आज विश्व मानवाधिकार दिवस है, जानिए मानवाधिकारों से जुड़ी कुछ जरुरी बातें

Admin

  • December 10, 2016 5:07 am Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली. आज विश्व मानवाधिकार दिवस है. दुनियाभर में इंसानों के अधिकारों को मजबूती देने के लिए हर साल 10 दिसंबर को विश्व मानवाधिकार दिवस मानाया जाता है. आज जब दुनियाभर में इंसानों के प्रति अत्याचार बढ़ रहे हैं . उनपर हो रहे अत्याचारों को खत्म करने के आवाज क मजबूती देने के लिए हर वर्ष यह दिवस मनाया जाता है.
 
मानव अधिकारों का मतलब उस स्वतंत्रता से है जो हर इंसान का हक है. मानवाधिकार इंसानों को आजादी,बराबरी और सम्मान के साथ जीने का अधिकार देता है. 
 
 
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 10 दिसंबर 1948 को विश्व मानवाधिकार दिवस मनाने की घोषणा की थी. संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 1950 में हर वर्ष 10 दिसंबर को विश्व मानवाधिकार दिवस मनाना तय किया. भारत में मानवाधिकार कानून 28 सितंबर 1993 से अमल में आया. सरकार ने 12 अक्टूबर 1993 को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का गठन किया.
 
आयोग के कार्यक्षेत्र में नागरिकों के आर्थिक, सामाजिक, और राजनीतिक अधिकार भी आते हैं जैसे बाल मजदूरी, एचआईवी/एड्स, स्वास्थय, भोजन, बाल विवाह, महिला अधिकार, हिरासत और मुठभेंड में होने वाली मौतें, अल्पसंख्यकों और अनुसूचित जाति और जनजाति के अधिकार. 
 
भारत का संविधान मानवाधिकारों की गारंटी देता है और उसे तोड़ने वालों को अदालत सजा देती है. विश्व में बहुत बड़ी संख्या में लोग मानवाधिकारों को हासिल करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. गरीबी और भूखमरी से पीड़ित इन लोगों की शिक्षा, स्वास्थय, रोजगार और आवास जैसी मूलभूत जरुरतें अभी भी पूरी नहीं हो पाई हैं. 
 
इस दिन मानवाधिकारों से जुड़े सभी मुद्धों पर चर्चा की जाती है इसके लिए सम्मेलन, बैठकें और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित होते हैं. इस दिन लोगों को अपने अधिकारों को जानने और उनके लिए लड़ने के लिए जागरुक किया जाता है. 
 
आजादी के इतने वर्ष बीत जाने के बाद भी भारत में बाल मजदूरी खत्म नहीं हो पाई है, आज भी देश का एक बड़ा तबका गरीबी और भूखमरी में जीने को मजबूर है. आज मानवाधिकारों को सबसे ज्यादा चुनौती गरीबी से मिल रही है तमाम सरकारी गैरसरकारी प्रयासों के बावजूद भेदभाव भी पूरी तरह खत्म नहीं हो पाया है. 
 
 
 
 

Tags

Advertisement