नई दिल्ली: आज की तेज रफ्तार जिंदगी में अगर कुछ पीछे छूट जाता है तो वो है हमारा स्वास्थ्य. मौजूदा समय में आधे से ज्यादा लोग मोटापे से परेशान हैं. मोटापा घटाने के लिए हम हर कुछ करने को तैयार हो जाते हैं और कई तरह के तरीकों को प्रयोग भी करते हैं. इसी तरह चीन में 11 साल का एक लड़का अपने मोटापे से इतना परेशान हो गया है कि पेट में आग लगवा कर अपना वजन कम कराने की कोशिश कर रहा है.
असल में चीन में रहने वाले 11 साल के इस बच्चे को बढ़ते वजन के कारण पारंपरिक चिकित्सा करवाना पड़ रहा है. इस थैरेपी में उसके पेट में आग लगाई जाती है. ली हांग नाम के इस बच्चे का वजन 146 किलो है. ली हांग चीन के जिलिन प्रांत स्थित अस्पताल में अपना इलाज करा रहा है यहां उसे फायर कपलिंग, फायर थेरेपी और एक्यूपंचर जैसी कई ट्रीटमेंट दिए जा रहे हैं. यह चाइनीज ट्रीटमेंट किसी दर्दनाक सजा से कम नहीं है. इस थेरेपी में एक डॉक्टर उसके नंगे पेट पर तौलिये को डालकर उसमें आग लगा देता है.
Prader–Willi syndrome से पीड़ित है ली हैंग
चाइना डेली की रिपोर्ट के मुताबिक ली हैंग को प्राडर विली सिंड्रोम (Prader–Willi syndrome) नाम की बीमारी है. 3 साल की उम्र में उसकी इस बीमारी का पता चला. प्राडर विली सिंड्रोम एक रेयर जैनिटिक डिसऑर्डर है, इससे ग्रसित शख्स में ज्यादा खाने, सीखने में कठिनाई और विकास में असामान्यताएं जैसे लक्षण दिखाई देते हैं. रिपोर्ट में बताया गया है कि 4 साल की उम्र में ली का वजन 6.7 स्टोन (42 किलोग्राम) था जो कि सामान्य बच्चों की तुलना से 2.5 गुना ज्यादा है.
चीन में वजन कम करने के लिए फायर थेरेपी का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जाता है. चीन में मोटापे से ग्रस्त बच्चों की संख्या लगातार बढ़ रही हैवर्ल्ड ओबेसिटी फेडरेशन की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक चीन में 2025 तक 5 से 18 साल की उम्र के वजन के सबसे ज्यादा बच्चे होंगे. इसके अलावा यूके की आबादी भी मोटापे की समस्या से जूझ रही है. रिपोर्ट के मुताबिक ली हैंग को फायर थेरेपी ट्रीटमेंट को लेते हुए 2 महीने का समय हो गया है। इस दौरान उसने 2.4 स्टोन (15 किलोग्राम) वजन कम किया है.