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ओबामा के दबाव में अपने बयान से पलट गए नेतन्याहू

इजराइल में चुनाव संपन्न हो चुके हैं और बेंजामिन नेतन्याहू फिर से सरकार बनाने जा रहे हैं लेकिन अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उनकी नए सिरे से किरकिरी शुरू हो चुकी है.

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  • March 21, 2015 7:12 am Asia/KolkataIST, Updated 10 years ago

वाशिंगटन. इजराइल में चुनाव संपन्न हो चुके हैं और बेंजामिन नेतन्याहू फिर से सरकार बनाने जा रहे हैं लेकिन अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उनकी नए सिरे से किरकिरी शुरू हो चुकी है. वोटिंग से ठीक पहले दक्षिणपंथी वोटरों को लुभाने के लिए नेतन्याहू ने कहा था कि अगर उनकी सरकार बनती है तो वह फिलिस्तीन राष्ट्र का गठन नहीं होने देंगे. ये बात अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा को नागवार गुजरी है और उन्होंने नेतन्याहू से कहा है कि द्विराष्ट्र को लेकर उनके नए बयान और रुख के कारण अमेरिका को अपने विकल्पों का पुनर्मूल्यांकन करने की जरूरत है.

1967 से भी भयावह था 2014 में फिलिस्तीन पर इजराइली हमला

ओबामा ने कहा कि द्विराष्ट्र समाधान को लेकर अमरीका लंबे समय से प्रतिबद्ध है जिसमें जिसमें एक सुरक्षित इजरायल और संप्रभु फिलिस्तीन की बात शामिल है. बहरहाल, ताज़ा अंतर्राष्ट्रीय दबाव के मद्देनज़र नेतन्याहू गुरुवार को अपने बयान से पलट गए और उन्होंने एक अंग्रेजी चैनल ‘एनबीसी’ को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि वह द्वि-राष्ट्र समाधान के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन इसके लिए परिस्थितियों में बदलाव आवश्यक है. नेतन्याहू ने साक्षात्कार में कहा, “मैं एक-राष्ट्र समाधान नहीं चाहता. मैं स्थायी, शांतिपूर्ण द्वि-राष्ट्र समाधान चाहता हूं. मैंने अपनी नीति में कोई बदलाव नहीं किया है.”

 

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