न्यूयॉर्क. शरणार्थियों के लिए भूमध्य सागर कई बार मौत का सागर बनकर सामने आया है. गुरुवार को भी यहां पर शरणार्थियों से भरी नौका के डूब जाने से करीब 250 लोगों की मौत की आशंका है. संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी एजेंसी ने लीबिया तट के पास नौका डूबने की दो घटनाओं में 240 लोगों के डूबकर मरने की आशंका व्यक्त की है. शरणार्थियों के अंतर्राष्ट्रीय संगठन (आईओएम) के मुख्य प्रवक्ता लियोनार्ड डॉयले ने कहा कि पिछले 48 घंटों के दौरान हुए हादसों में करीब 240 लोगों के मारे जाने की आशंका है.
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार संघ (यूएनएचसीआर) के प्रवक्ता कारलोटा सामी के अनुसार 240 लोगों के साथ जा रहा जहाज लीबिया से रवाना होने के कुछ ही घंटे बाद बुधवार को डूब गया. जिनमें से केवल 29 लोगों को बचाया जा सका. सूत्रों के अनुसार लीबिया से करीब 20 समुद्री मील दूर नार्वे के सिएम पायलट ने सबसे पहले बचाव अभियान चलाया और लोगों को पानी से निकाला.
संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के मुताबिक इस वर्ष भूमध्य सागर करीब 4220 लोगों की जान ले चुका है. नौका दुर्घटना के बाद इंटरननेशनल ऑर्गनाइजेशन फॉर माइग्रेशन के प्रवक्ता ने ट्विटर पर लिखा है कि दो नौकाओं के टूट कर डूब जाने से यह हादसा हुआ. इनमें करीब 250-250 लोग सवार थे. हालांकि नौका में मौजूद लोगों की सही संख्या के बारे में अभी कुछ पता नहीं चल सका है.
एक आंकड़े के मुताबिक करीब 77 हजार शरणार्थी दक्षिण-पूर्वी यूरोप में बसे हुए हैं. वहीं करीब 62000 शरणार्थी अकेले ग्रीस में ही बसे हुए हैं. इनमें से 15000 के करीब ने एक द्वीप पर स्थाई कैंप लगाया हुआ है. वहीं पश्चिमी यूरोप में जून तक जहां दो हजार शरणार्थी पहुंचे थे वहां अब इनकी तादाद छह हजार को भी पार कर गई है. दूसरी ओर आस्ट्रिया और बाल्कन द्वारा शरणार्थियों की एंट्री रोकने के बाद अब करीब 50000 शरणार्थी जर्मनी में शरण पाने का इंतजार कर रहे हैं.