नई दिल्ली. परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में भारत की सदस्यता को लेकर भारत और चीन के बीच दूसरे दौर की बातचीत सोमवार को बीजिंग में हुई. रिपोर्ट्स के मुताबिक यह बातचीत काफी सकारात्मक रही. इस बातचीत में भारत ने चीन को समझाया कि भारत को क्यों एनएसजी की सदस्यता चाहिए.
दूसरे दौर की यह बातचीत विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव अमनदीप सिंह गिल ने चीन के विदेश मंत्रालय के निदेशक वांग कुन के साथ की है. बता दें कि वान कुन एनएसजी मुद्दे पर चीन के प्रतिनिधिमंल का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं.
दिल्ली में हुई थी पहले दौर की बातचीत
एनएसजी मुद्दे पर पहले दौर की बातचीत दिल्ली में 13 सितंबर को हुई थी, जिसमें फैसला किया गया था कि दूसरे दौर की बातचीत बीजिंग में होगी. दूसरे दौर की बातचीत के बाद सूत्रों का कहना है कि एनएसजी मुद्दे पर दोनों देशों के बीच बातचीत सही दिशा में चल रही है.
सियोल में चीन ने भारत का किया था विरोध
जून में चीन ने दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल में एनएसजी देशों की बैठक में भारत की सदस्यता को लेकर भारत का विरोध किया था. चीन ने कहा था कि भारत ने अभी तक परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) में हस्ताक्षर नहीं किए हैं. वहीं अमेरिका ने भारत का साथ दिया था. दूसरे दौर की बातचीत में भारत ने चीन को यह भी कहा कि एनपीटी में हस्ताक्षर दूसरे दौर का काम है.