लंदन. कश्मीर मुद्दे के पाकिस्तानी मुहिम को अंतरराष्ट्रीयकरण करने के करारा झटका लगा है. ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे ने साफ कर दिया कि दोनों देश मिलजुल कर कश्मीर के मामले का हल निकालें. ब्रिटेन का कश्मीर पर मानना है कि ये दोनों देशों के बीच का मुद्दा है, इसमें किसी तीसरे देश के दखल की सही नहीं है.
पाकिस्तान में जन्मी लेबर पार्टी की सांसद यास्मीन कुरैशी ने पीएम थेरेसा के साप्ताहिक प्रश्न सत्र के दौरान यह मुद्दा हाउस ऑफ कॉमन्स में उठाया. यास्मीन ने पूछा कि क्या पीएम टेरेसा की अगले महीने पर जा रहीं भारत यात्रा के दौरान कश्मीर मुद्दे पर बातचीत की जाएगी या नहीं.
थेरेसा ने संसद में इस बात का साफ संकेत दे दिया कि वह 6 से 8 नवंबर के बीच भारत जाएंगी तो उस दौरान वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ताओं में कश्मीर मुद्दे के एजेंडे में शामिल नहीं होगा.
उन्होंने कहा कि मैं वही रुख अपनाऊंगी जो सरकार ने सत्ता में आने के बाद से और पहले भी अपनाया जाता रहा है. कश्मीर ऐसा मुद्दा है जिससे भारत और पाकिस्तान को साथ में निपटना चाहिए और उसे मिलकर सुलझाना चाहिए.
थेरेसा की यूरोप के बाहर विदेश की पहली द्विपक्षीय यात्रा के लिए 6 नवंबर को नई दिल्ली पहुंचेंगीं. वह पीएम मोदी के साथ भारत-ब्रिटेन तकनीक शिखर सम्मेलन का उद्घाटन करेंगी. इसके अलावा बेंगलुरु जाने से पहले अपने भारतीय समकक्ष नरेंद्र मोदी के साथ वार्ता करेंगी.
थेरेसा के साथ उनके इंटरनेशनल ट्रेड मिनिस्टर लियाम फॉक्स और ब्रिटेन के लघु एवं मध्यम उद्यमों के प्रतिनिधियों समेत एक व्यापारी प्रतिनिधिमंडल भारत जाएगा.