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इमरान खान को रोकने के लिए इस्लामाबाद पुलिस को चाहिए 1500 लाठी, 10000 आंसू गैस के गोले

पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ प्रमुख और पूर्व क्रिकेटर इमरान खान की पार्टी की तरफ से 2 नवंबर को इस्लामाबाद को घेरने की तैयारी है जिससे निपटने के लिए पुलिस ने सरकार से 1500 लाठियां, आंसू गैस के 10 हजार गोले के साथ-साथ कई तरह के सामान मांगे हैं.

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  • October 24, 2016 2:53 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago

इस्लामाबाद. पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ प्रमुख और पूर्व क्रिकेटर इमरान खान की पार्टी की तरफ से 2 नवंबर को इस्लामाबाद को घेरने की तैयारी है जिससे निपटने के लिए पुलिस ने सरकार से 1500 लाठियां, आंसू गैस के 10 हजार गोले के साथ-साथ कई तरह के सामान मांगे हैं.

इमरान खान ने 2 नवंबर को इस्लामाबाद घेरने का ऐलान किया है और उनका दावा है कि इसमें 10 लाख से ज्यादा लोग आएंगे. इमरान की पार्टी पनामा पेपर लीक मामले में प्रधानमंत्री नवाज शरीफ का नाम आने के बाद से ही उनका इस्तीफा मांग रही है और ये घेराव भी उसी आंदोलन का हिस्सा है.

पनामा पेपर लीक मामले में नाम आने की वजह से मांग रहे हैं नवाज़ का इस्तीफा
पनामा पेपर लीक मामले में नवाज शरीफ और उनके कई रिश्तेदारों के नाम से बेनामी कंपनियां होने का खुलासा करीब 7 महीने पहले हुआ था. पाकिस्तान सरकार ने इस मामले की न्यायिक जांच का आदेश दिया है लेकिन राजनीतिक विरोधी नवाज से इस्तीफा मांग रहे हैं.

इस्लामाबाद पुलिस ने सरकार ने इमरान के आंदोलन से निपटने के लिए 1500 लाठी, आंसू गैस के 10 हजार गोले, 6800 रबर की गोलियां, 300 शिपिंग कंटेनर के साथ-साथ 2000 अतिरिक्त पुलिस जवान और एलीट कमांडो फोर्स की 25 टुकड़ी मांगी है.

बिलावल भुट्टो ने चेताया, इमरान के आंदोलन में शामिल हो जाएंगे अगर दमन हुआ उनका

जाहिर है कि बाकी चीजें तो आंदोलन में शामिल लोगों से निपटने के लिए इस्तेमाल होंगी लेकिन कंटेंनर का इस्तेमाल एक तरफ सड़क ब्लॉक करने और दूसरी तरफ आंदोलन में पकड़े गए लोगों को फौरी तौर पर हिरासत में रखने के लिए किया जा सकता है.

इस बीच बिलावल भुट्टो की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी ने नवाज सरकार को चेताया है कि अगर इमरान खान के आंदोलन का दमन हुआ तो उनकी पार्टी भी इस आंदोलन में शामिल हो जाएगी. जाहिर तौर पर नवाज सरकार के सामने 2 नवंबर को दोहरा संकट खड़ा होने वाला है.

नवाज शरीफ और पाकिस्तानी सेना के बीच पहले से ही चल रही तनातनी के बीच आशंका इस बात की है कि अगर इमरान के आंदोलन से हालात बिगड़े तो कहीं सेना इस मौके का फायदा उठाकर सरकार को बेदखल न कर दे. इमरान खुद कह चुके हैं कि अगर उनके आंदोलन से किसी तीसरे (पढ़ें सेना) को दखल का मौका मिला तो इसके लिए नवाज शरीफ खुद जिम्मेदार होंगे.

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