इस्लामाबाद. पाकिस्तान का आतंकवाद को लेकर कितना गंभीर है, ये हर कोई जानता है. पाकिस्तान का दोहरा चेहरा एक बार फिर सामने आ गया है. पाकिस्तान के गृह मंत्री निसार अली खान ने शनिवार को दो प्रतिबंधित आतंकी संगठनों के नेताओं से मुलाकात की है. इसमें से एक को खुद अमेरिका ने खूंखार आतंकी घोषित किया हुआ है.
आतंकियों के साथ यह मुलाकात इस बात की आशंका के बीच हुई है कि ये संगठन अगले हफ्ते होने वाले तहरीक-ए-इंसाफ के प्रमुख इमरान खान के विरोध मार्च में शामिल हो सकते हैं. इमरान खान जो भ्रष्टाचार के आरोपों पर प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की बर्खास्तगी की मांग कर रहा है. बता दें कि इमरान खान ने धमकी दी है कि वह दो नवंबर को राजधानी इस्लामाबाद को बंद कर के दिखा देंगे.
वहीं तालिबान के गॉडफादर मौलाना समी-उल-हक ने ऐलान कर दिया था कि उनकी दिफ्श-ए-पाकिस्तान काउंसिल (DCC) प्रदर्शन में शामिल होगी जिस वजह से नवाज सरकार में खलबली मच गई थी.
इस संगठन ने आरोप लगाया है कि नवाज सरकार पर देश में मदरसों को निशाना बना रही है. मौलाना समी-उल-हक ने एक प्रतिनिधिमंडल के साथ कल गृह मंत्री से मुलाकात की थी. प्रतिनिधिमंडल में बैन अहल-ए-सुन्नत वल जमात (ASWJ) के मौलाना मोहम्मद अहमद लुधियानवी और प्रतिबंधित हरकत-उल-मुजाहिदीन (HUM) के मौलाना फज़ल-उल-रहमान खलील सहित अन्य शामिल थे.
HUM को बैन करने के बाद खलील ने अंसार-उल-उम्मा संगठन स्थापित किया था. एसडब्ल्यूजे, बैन शिया विरोधी सिपाह-ए-सेहाबा पाकिस्तान (SSP) का उत्ताधिकारी है लेकिन कुछ साल पहले ही इस संगठन को भी बैन कर दिया गया था. प्रतिनिधिमंडल के नेता नवाज सरकार द्वारा उन लोगों के राष्ट्रीय पहचान पत्र रद्द करने के ऐलान से गुस्से में थे जो चौथी सूची में शामिल किए गए हैं. इसका मतलब ये है कि उनके लिए देश में पासपोर्ट बनवाना या फिर कोई कारोबार करना अंसभव है.