वॉशिंगटन. अमेरिका ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पाकिस्तान को ‘आतंकवाद की जननी’ बताने वाले बयान से किनारा कर लिया है, साथ ही इस बयान पर कोई टिप्पणी करने से इंकार कर दिया है. इस दौरान अमेरिका ने भारत और पाकिस्तान को आपसी रिश्तें सुलझाने की नसीहत दी है.
आपसी रिश्तें सुलझाये भारत-पाक
व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव से जब ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में मोदी की टिप्पणी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मैं स्वीकार करता हूं कि मुझे उन टिप्पणियों के बारे में नहीं बताया गया है. प्रेस सचिव जोश अर्नेस्ट ने कहा कि अमेरिका ने भारत और पाकिस्तान को विवादित मुद्दों पर अपने गहरे मतभेद शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाने के लिए प्रोत्साहित किया है.
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टिप्पणी पर जवाब मांगे जाने पर कहा था कि हम भी आतंकवाद को किसी देश, नस्ल या धर्म से जोड़े जाने का विरोध करते हैं. अर्नेस्ट ने कहा कि अमेरिका आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में ‘कामयाबी से जूझने’ में सफल रहा है लेकिन ओबामा प्रशासन का मानना है कि इस्लामाबाद को इस दिशा में और भी बहुत कुछ करना चाहिए.
अमेरिका और भारत का रिश्ता बहुत महत्वपूर्ण
अर्नेस्ट ने साथ ही कहा कि अमेरिका और भारत का रिश्ता भी बहुत महत्वपूर्ण है. साथ ही अमेरिका और भारत के बीच प्रभावी रिश्ता और दोस्ती के बहुत मायने हैं. राष्ट्रपति ओबामा और प्रधानमंत्री मोदी ने दोनों देशों के नागरिकों को ना सिर्फ साझा सुरक्षा चिंताओं बल्कि एक- दूसरे से जुड़ी अर्थव्यवस्थाओं के संबंध में लाभ उठाने का मौका दिया.
बता दें कि ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका की सदस्यता वाले ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस टिप्पणी के बाद चीन ने भी सोमवार को अपने पुराने सहयोगी पाकिस्तान का बचाव किया था.