नॉर्वे. हमारे देश में तमाम तरह की असमानताओं की जड़ में जाकर देखेंगें तो पाएंगे कि आय की असमानता उन सबका कारण है लेकिन एक देश ऐसा भी है जहां मिनिमन सैलरी ही 2 लाख 40 हज़ार है. फिर वह चाहे कोई चपरासी हो या किसी कम्पनी का सीईओ.
दरअसल हम बात कर रहे हैं यूरोपीय देश नॉर्वे की. यहां आय को लेकर पारदर्शिता का बहुत सख्ती से पालन होता है और इसका फायदा देश की अर्थव्यवस्था को मिलता है. बता दें कि यहां सभी की सैलरी
ऑनलाइन डाल दी जाती है. ऐसा साल में एक बार अक्टूबर में होता है. इससे जहां एक तरफ कोई अपनी सैलरी को लेकर डींगे नहीं हांक पाता तो वहीं आय की असमानता का भी सवाल नही रह जाता.
पारदर्शिता का यह कमाल का फंडा किसी को टैक्स चोरी करने का भी मौका नहीं देता. नॉर्वे की करन्सी क्रोनर है और यहां कम से कम सैलरी 30,000 क्रोनर है. जो कि करीब 2 लाख 40 हज़ार रूपये होती है. यहां सबसे ज्यादा सैलरी भी टैक्स आदि काटने के बाद करीब-करीब इतनी ही है. कह सकते हैं कि यहां काफी हद तक सभी की आय एक सामान है.
इस से सिर्फ गरीबी से निपटने में ही मदद नहीं मिलाती बल्कि आप यहां प्रधानमंत्री से लेकर किसी सफाई कर्मचारी को सस्ती दुकानों में शॉपिंग करता देख सकते हैं. क्या हमारे देश में इस तरह का कोई साहसिक कदम उठाया जा सकता है?