नई दिल्ली. विश्व स्वास्थ्य संगठन(डब्ल्यूएचओ) ने मंगलवार को पूरे एशिया में जीका वायरस फैलने की आशंका जताई है. रिपोर्ट्स के मुताबिक डब्ल्यूएचओ की निदेशक मार्गरेट चान का कहना है कि विशेषज्ञ अभी भी इस खतरनाक वायरस से लड़ने का तरीका खोज रहे हैं.
फिलीपींस में डब्ल्यूएचओ की एक बैठक में कहा गया है कि यह बहुत दुर्भाग्य की बात है कि वैज्ञानिकों के पास अभी भी बहुत से महत्वपूर्ण सवालों के जवाब नहीं है. संगठन के मुताबिक विश्व भर में अभी तक 70 देशों में इस विषाणु की पहचान कर ली गई है.
बता दें कि सिंगापुर के कई लोग इस खतरनाक वायरस की चपेट में आ चुके हैं, वहां इस विषाणु से जुड़े सैकड़ों मामले सामने आ चुके हैं, जबकि थाईलैंड में जीका से जुड़े माइक्रोसिफेली के दो मामलों की पहचान पहले ही की जा चुकी है.
क्या है जीका?
जीका वायरस मच्छर के कांटने से फैलता है. अगर जीका संक्रमित कोई मच्छर किसी इंसान को काट ले तो उसके शरीर में भी यह वायरस पनाह बना लेता है, फिर अगर कोई मच्छर उस व्यक्ति को काटे तो वह वायरस उस मच्छर में भी फैल जाता है. इस तरह से यह प्रक्रिया चलती रहती है.
क्या है लक्षण?
जीका के लक्षण बच्चों और बड़ों दोनों में एक जैसे ही होते हैं. इसके लक्षण बुखार आना, आंखों में सूजन आना, चकते आना, सिर में दर्द होना है. कुछ लोगों में तो इसके लक्षण दिखाई ही नहीं देते हैं. कभी-कभी इस वायरस की वजह से लोग पैरालिसिस के भी शिकार हो जाते हैं. गर्भवती महिलाओं को इससे सबसे ज्यादा खतरा है.