सोमवार को जापान के योशिनोरी ओसुमी को चिकित्सा के क्षेत्र का नोबेल पुरस्कार दिए जाने की घोषणा की गयी. इसकी जानकारी खुद नोबेल पुरस्कार के ट्विटर अकाउंट पर मिली.
नोबेल पुरस्कार के फेसबुक पेज पर प्रकाशित एक इंटरव्यू में ओसुमी ने बताया कि जब इस बात की जानकारी दी गयी कि वह नोबेल पुरस्कार के विजेता हैं उन्हें विश्वास नहीं हुआ. ओसुमी को यह पुरस्कार ऑटोफैगी को लेकर की गयी उनकी रिसर्च के लिए मिल रहा है.
दरअसल ऑटोफैगी एक प्रक्रिया है जिसमें कोशिकाएं खुद को खा लेती हैं. इतना ही नहीं ऐसा ना होने पर पार्किंसन या मधुमेह जैसी बीमारियां हो सकती हैं. नोबेल ज्यूरी का इस बारे में कहना है कि ‘ऑटोफैगी जीन में बदलाव से बीमारियां हो सकती हैं.’ बता दें कि ऑटोफैगी की प्रक्रिया कैंसर और मस्तिष्क से जुड़ी बीमारियों में शामिल होती हैं.