नई दिल्ली. चीन ने एक बार फिर से पाकिस्तान के साथ दोस्ती निभाई है. भारतीय सेना के सफल सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पहले चीन ने ब्रहमपुत्र की सहायक नदी का पानी रोककर भारत को आंखें दिखाईं. अब चीन ने एक बार फिर से पाकिस्तानी आतंकी मसूद अजहर का संयुक्त राष्ट्र में बचाव किया है. पठानकोट हमले के मास्टरमाइंड मसूद अजहर को आतंकी घोषित करने और ब्लैकलिस्ट किए जाने की भारत की मांग के खिलाफ चीन ने फिर से वीटो पॉवर का इस्तेमाल किया है. भारत ने पठानकोट हमले के बाद जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर पर बैन लगाने की संयुक्त राष्ट्र से अपील की थी.
बताया जा रहा है कि आंतकी संगठन जैश ए मोहम्मद के खूंखार सरगना मसूद अजहर पर चीन के वीटो की अवधि कुछ ही दिनों में समाप्त होने वाली थी, लेकिन खबरें आ रही है कि चीन ने इस अवधि को अगले छः माह तक के लिये बढ़ा दिया है.
कई देशों ने किया था भारत का समर्थन
अजहर को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से आतंकी घोषित कराने के प्रयास में भारत अकेला नहीं है. अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने अजहर को आतंकी घोषित कराने के प्रस्ताव को सह प्रायोजित किया था. सुरक्षा परिषद के 15 देशों में चीन इकलौता देश रहा जिसने भारत के आवेदन का विरोध किया जबकि 14 अन्य देशों ने भारत के प्रस्ताव का समर्थन किया.
चीनी विदेश मंत्री का बयान
चीन के विदेश मंत्री जेंग सुआन के अनुसार तकनीकी कारणों से अजहर को लेकर आपत्ति को उठा नहीं सकता था और इसके चलते ही वीटो को बढ़ाने का निर्णय चीन ने लिया है.