वाशिंगटन. अमेरिका में राष्ट्रपति के उम्मीदवार और रिपब्लिकन पार्टी नेता डोनाल्ड ट्रंप ने हिंदुओं की तारीफ की है. उन्होंने कहा कि विश्व सभ्यता और अमेरिकी संस्कृति में हिंदुओं योगदान बहुत की ‘असाधारण’ है.
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इसके साथ ही ट्रंप ने 15 अक्टूबर को न्यूजर्सी में भारतीय-अमेरिकी समुदाय के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने का ऐलान किया है. इस कार्यक्रम में इकट्ठा हुए पैसो को दुनिया भर में आतंकवाद से पीड़ित लोगों पर खर्च किया जाएगा.
माना जा रहा है ट्रंप के इस ऐलान के पीछे चुनावी गणित है. वह इससे अमेरिका में बसे भारतवंसियों को लुभाना चाहते हैं. उनकी प्रतिद्वंदी और डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता हिलेरी क्लिंटन ने भी अपने चुनाव प्रचार अभियान में बड़ी संख्या में भारतवंशियों को जगह दे रखी है.
अभी तक आए चुनावी सर्वे में भारतवंशियों का झुकाव हिलेरी क्लिंटन की ओर ज्यादा रहा है. इसकी देखते हुए ट्रंप भी अमेरिका में बसे भारतीयों को अपनी ओर लाने की कोशिश शुरू कर दी है. इससे पहले उन्होंने अपनी चुनावी टीम में तीन भारतवंशियों को जगह दी है.
हालांकि 70 साल के ट्रंप के शुरुआती भाषणों पर अगर ध्यान दिया जाए तो वह देश से बाहर खासकर भारतीयों की नौकरी के बारे में आपत्तजिनक बयान दिया था. अमेरिका में उनकी महिला विरोधी और दूसरे धर्मों का अपमान करने वाली छवि बन गई है.
लेकिन उन्होंने अपने उत्तेजक और राष्ट्रवादी भाषणों के दम पर अब तक अच्छी-खासी सुर्खियां बटोरी हैं. वहीं अमेरिका दो बड़े अखबार न्यू यॉर्क टाइम्स और वाशिंगटन पोस्ट ने फिर से उन्हें अयोग्य बताया है. वाशिंगटन पोस्ट में लिखा है कि वह बार-बार साबित कर चुके हैं कि वह शीर्ष पद में बैठने के काबिल नहीं है.