चीन ने पाकिस्तान को दिखाया ठेंगा, कहा- भारत के साथ मिलकर सुलझाए मामला

चीन ने पाकिस्तान को एक हफ्ते के अंदर दूसरी बार तगड़ा झटका दिया है. मीडिया में युद्ध की स्थिति में पाकिस्तान का साथ देने और कश्मीर मुद्दे पर भी उसके दावे का समर्थन करने वाली खबरों को चीन ने सोमवार को खंडन किया.

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चीन ने पाकिस्तान को दिखाया ठेंगा, कहा- भारत के साथ मिलकर सुलझाए मामला

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  • September 26, 2016 1:49 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
पेइचिंग. चीन ने पाकिस्तान को एक हफ्ते के अंदर दूसरी बार तगड़ा झटका दिया है. मीडिया में युद्ध की स्थिति में पाकिस्तान का साथ देने और कश्मीर मुद्दे पर भी उसके दावे का समर्थन करने वाली खबरों को चीन ने सोमवार को खंडन किया. चीन ‘एक दोस्त और पड़ोसी’ होने के नाते भारत और पाकिस्तान से अपील करता है कि वह दोनों कश्मीर सहित सभी विवादों के उचित समाधान के लिए बातचीत करे साथ ही जो विरासत में मिले है उसमें शांति और स्थिरता के लिए दोनों मिलकर काम करें.
 
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दरअसल लाहौर में पाकिस्तान के महावाणिज्यदूत यू बोरेन की कथित टिप्पणी के बारे में पूछने पर कि क्या भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध होने या कश्मीर के मुद्दे पर चीन इस्लामाबाद का समर्थन करेगा. इस टिप्पणी पर चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा कि हमारे राजदूत के इस तरह की किसी टिप्पणी के बारे में हमें जानकारी नहीं है. उन्होंने कहा कि जो आप बता रहे हैं उस स्थिति के बारे में मुझे नहीं पता. लेकिन समसामयिक मुद्दे पर चीन का रुख स्थिर और साफ है.
 
 
उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान दोनों के पड़ोसी और दोस्त के रूप में हमें उम्मीद है कि वे अपने मतभेदों का समाधान बातचीत और विचार-विमर्श, स्थिति को नियंत्रित और प्रबंध कर करेंगे और साथ ही दक्षिण एशिया की शांति और स्थिरता की प्रगति के लिए काम करेंगे. उन्होंने कहा कि कश्मीर मुद्दे पर हमारा मानना है कि यह विरासत में मिला है, हमें उम्मीद है कि दोनों साथ मिलकर ये काम करें और विरासत में मिली हुई चिजों को दोनों देश मिलकर काम करें.
 
 
पंजाब के चीफ मिनिस्टर के ऑफिस से एक प्रेस रिलीज में जारी कर कॉन्सल जनरल ऑफ चाइना यू बोरेन के हवाले से गया है कि कश्मीर इश्यू और बाकी मुद्दों पर भी हम पाकिस्तान के साथ हैं और हमेशा रहेंगे. कश्मीर में निहत्थे लोगों पर हो रहे अत्याचारों को सही नहीं ठहराया जा सकता, ये गलत हो रहा है और कश्मीर विवाद का हल कश्मीरियों की इच्छा के मुताबिक ही होना चाहिए.

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