नई दिल्ली. बलोचिस्तान को लेकर भारत सरकार एक कदम और आगे बढा सकती है. सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी भारत में बलोचिस्तान की निर्वासित सरकार को मान्यता दे सकते है.
प्रधानमंत्री मोदी ने दो टूक शब्दों में कहा है कि भारत बलोचिस्तान में पाकिस्तान के द्वारा किये जा रहे अत्याचारों को किसी भी हाल में माफ़ नहीं करेगा. इससे पहले बलोच रिपब्लिकन पार्टी के नेता ब्रहमदाग बुगाती ने बयान जारी करके भारत से शरण मांगी थी. ब्रहमदाग बुगती बलोच स्वतंत्रता आंदोलन के प्रमुख नेता अकबर बुगती के पोते है जिनकी 2006 में पाकिस्तानी आर्मी ने एक हमले में हत्या कर दी थी.
इससे पहले भारतीय प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने 1959 में तिब्ब्बती नेता दलाई लामा को भारत में शरण दी थी, जिसके बाद से भारत ने निर्वासित तिब्बती सरकार को मान्यता दे रखी है. ऐसा ही कुछ भारत बलोचिस्तान के साथ भी कर सकता है. जब तक पाकिस्तान बलोचिस्तान के लोगो को राजनीतिक आज़ादी नहीं देता और उन पर हो रहे अत्याचारों को बंद नहीं करता भारत बलोचिस्तान के लोगो के साथ खड़ा रहेगा.